नोएडा और पश्चिमी यूपी के कई जिलों में ट्रैफिक जाम की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। नोएडा अथॉरिटी ने 50 साल की यातायात योजना के तहत कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (CMP) तैयार किया है। इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले बोर्ड मीटिंग में संशोधित सीएमपी प्लान को मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
CMP से ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान
संशोधित सीएमपी प्लान मंजूर होने के बाद सलाहकार कंपनी के चयन के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी किया जाएगा। नोएडा अथॉरिटी के सीईओ का कहना है कि यह योजना दिल्ली-एनसीआर के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के अधिकारी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं।
पश्चिमी यूपी के लिए व्यापक योजना
नोएडा अथॉरिटी के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि सीएमपी सिर्फ एक जिले तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना विकास प्राधिकरण, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ और दिल्ली-एनसीआर के अन्य शहरों को भी कवर करेगा। इससे न केवल ट्रैफिक सुगम होगा, बल्कि दिल्ली और गुरुग्राम से कनेक्टिविटी में भी सुधार आएगा।
पहले प्रयास में रुचि न मिलने के बाद दोबारा तैयारी
पहले जारी किए गए आरएफपी में किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई थी। अब तीनों प्राधिकरणों के सुझावों को शामिल करते हुए नया आरएफपी तैयार किया जाएगा। चयनित सलाहकार कंपनी अगले 50 वर्षों की आवश्यकताओं का आकलन करेगी।
रीजनल प्लान और सर्वेक्षण
सलाहकार कंपनी सबसे पहले स्थानीय अधिकारियों से बातचीत करेगी और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर डेटा एकत्र करेगी। इसमें सड़क नेटवर्क, आर्थिक संरचना, परिवहन नियम और प्रदूषण से जुड़े आंकड़े शामिल होंगे।
- प्राथमिक सर्वेक्षण के बाद हितधारकों और जनता से फीडबैक लिया जाएगा।
- विस्तृत सर्वे में ट्रैफिक डेटा, रोड स्पीड, पार्किंग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार होगी।
- प्रदूषण के प्रभाव का भी आकलन किया जाएगा, जिसमें डीजल, पेट्रोल, एलपीजी और इलेक्ट्रिक वाहनों का डेटा जुटाया जाएगा।
मोबिलिटी प्लान का प्रमुख हिस्सा – ई-बसें
CMP में ई-बस चलाने का प्रावधान भी है। इसके लिए एडमिन ब्लॉक, चार्जिंग स्टेशन, डिपो और वर्कशॉप जैसी आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। रोड नेटवर्क, इंटर-कनेक्टिविटी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और ट्रैफिक सुरक्षा पर विचार करते हुए अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा।
बोर्ड से मंजूरी के बाद अमल
फाइनल ड्राफ्ट को गठित समिति के समक्ष रखा जाएगा और बोर्ड से मंजूरी मिलने पर इसे लागू किया जाएगा। CMP के तहत जाम से मुक्ति और आधुनिक परिवहन सुविधाओं के विकास का लक्ष्य रखा गया है, जिससे नोएडा और पश्चिमी यूपी के लोगों को ट्रैफिक समस्याओं से निजात मिलेगी।