बिहार: केजरीवाल की नाराजगी की खबर को तेजस्वी ने किया खारिज

पटना में शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक हुई। इस बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने भाजपा के खिलाफ एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही है। हालांकि, दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर एकराय नहीं बन पाने के आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की नाराजगी की भी खबर है। इसी को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पत्रकारों ने सवाल पूछा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है सब कोई भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा कि सारी बातें स्पष्ट हो चुकी है इसमें ज्यादा किसी को कुछ नहीं कह रहे। 

तेजस्वी ने क्या कहा

तेजस्वी ने कहा कि बिहार की धरती लोकतंत्र की जननी है। इस धरती पर समय-समय पर बड़े-बड़े लोगों ने बड़े-बड़े आंदोलन किए हैं। चाहे गांधी जी का चंपारण में आंदोलन हो या फिर जयप्रकाश नारायण का आंदोलन का। इससे देश को नई दिशा मिली है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम सब जनता की मांग पर एक साथ हुए हैं और अगला चुनाव जनता का ही चुनाव है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की बैठक में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के नेता मौजूद रहे। हमने फासीवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट रहने का फैसला किया है। हम लोगों की मांग के अनुसार एकजुट हुए हैं। यह लोगों का चुनाव है। कोई नाराज नहीं है और बैठक सार्थक रही। 

भाजपा ने बैठक को बताया नाटक

भाजपा के नेताओं ने वर्ष 2024 के आम चुनाव में उसके खिलाफ विपक्षी दलों के एकजुट होने की कोशिशों की आलोचना करते हुए पटना की बैठक को ‘स्वार्थ का गठबंधन’, ‘नाटक’ और ‘तस्वीर खिंचवाने’ का अवसर करार दिया। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि जो राजनीतिक दल कभी एक दूसरे को आंखों नहीं सुहाते थे, वे भारत को आर्थिक प्रगति से वंचित करने के संकल्प से एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कहा जाता है कि भेड़िये शिकार के लिए झुंड में आते हैं और यह राजनीतिक झुंड पटना में मिला। उनका ‘शिकार’ भारत का भविष्य है।’ स्मृति ईरानी ने प्रस्तावित मोर्चे को ‘ बहु नेतृत्व वाला स्वार्थी गठबंधन करार दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह गठबंधन स्वार्थ का है। हम कतई भ्रमित ना हों कि निशाने पर मोदी हैं, बल्कि भारत की तिजोरी है।’’ 

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