भाजपा का दिल्ली एलजी को पत्र, मूल स्थिति में बहाल हो ‘शीश महल’

भारतीय जनता पार्टी द्वारा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की घेराबंदी चुनाव के बाद भी जारी है। दरअसल भाजपा ने सोमवार को उपराज्यपाल को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि ‘शीश महल’ के साथ विलय की गई अन्य संपत्तियों को रद्द किया जाए। प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि शीश महल’ का विस्तार चार सरकारी संपत्तियों को मिलाकर किया गया है। बता दें कि ‘शीश महल’ का इस्तेमाल भाजपा ने हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दों पर अरविंद केजरीवाल को घेरने के लिए एक राजनीतिक हथियार के रूप में किया था। 

हमारा मुख्यमंत्री नहीं रहेगा इस बंगले में
सचदेवा ने कहा कि हमारी सरकारी बनने के बाद इस बात का फैसला करेगी कि इस बंगले का इस्तेमाल कैसे करना है। लेकिन हमारा मुख्यमंत्री इस घर में नहीं रहेगा। ज्ञात हो कि यह बंगला 2015 से अक्टूबर 2024 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक निवास था। लेकिन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने इसे खाली कर दिया था।

बंगला जांच के दायरे में है
रोहिणी से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक और पूर्व विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा का मुख्यमंत्री बंगले में नहीं रहेंगा, क्योंकि कथित अनियमितताओं को लेकर यह बंगला जांच के दायरे में है। उन्होंने कहा कि अलग की गई संपत्तियों की भूमि का उपयोग सरकारी आवासों के निर्माण जैसे अन्य आधिकारिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। 

दो साल तक भाजपा ने चलाई मुहिम
‘शीश महल’ के निर्माण को लेकर भाजपा ने दो साल तक केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। भाजपा का आरोप है कि केजरीवाल ने गलत ढंग से इसका पुर्निर्माण कराया। कोरोना काल के दौरान इसके निर्णाम पर काफी पैसा बहाया गया। महंगे पर्दे, फर्नीचर लगवाए गए। उपराज्यपाल को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि केजरीवाल ने पड़ोसी सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा करके बंगले को अति आलीशान शीश महल में तब्दील किया है। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here