नागरिकों की सुरक्षा पहला एजेंडा, आतंकियों को नहीं बक्शेंगे: सिन्हा

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि टारगेट किलिंग को रोकने के लिए उचित प्रबंध किए जा रहे हैं। आतंकियों और आतंकवाद से जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करना जरूरी है। इस रणनीति पर काम किया जा रहा है। प्रदेश को जल्द आतंकवाद मुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। परिसीमन के बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव करवाए जाएंगे। 

उपराज्यपाल ने एक साक्षात्कार में कहा कि आतंकवाद से किसी प्रकार का रिश्ता रखने वालों को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा। प्रदेश में लगातार बदलाव की बयार बह रही है। पहले बड़ी आबादी को कई प्रकार की सुविधा नहीं मिलती थी। अब प्रत्येक नागरिक को उनका हक मिल रहा है।

जम्मू और श्रीनगर में बिजली की आपूर्ति लगातार बढ़ाई जा रही है। बर्फबारी के दौरान सभी इलाकों में बिजली आपूर्ति सुचारू रहे इसका इंतजाम किया जा रहा है। सभी गांवों में प्रशासन सड़क पहुंचा रहा है। पहले प्रदेश में तीन मेडिकल कॉलेज थे अब केंद्र के नेतृत्व में उनकी संख्या सात हो गई है। उपराज्यपाल ने तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों के चश्मे का पावर खराब है इसलिए उन्हें विकास नहीं दिखता। 

डल झील में कार्यक्रम करवाकर सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा 
उपराज्यपाल ने कहा कि डल झील में कार्यक्रम करवाकर कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाया दिया गया है। पहले सिर्फ कश्मीर में ही शूटिंग होती थी अब जम्मू में भी फिल्म उद्योग से जुड़े लोग पहुंचने लगे हैं। 

उपराज्यपाल ने कहा कि कश्मीर की स्थिति पहले से बेहतर 
एलजी ने कहा कि कश्मीर की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। कश्मीर में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए सीआरपीएफ की सिर्फ पांच कंपनियां लगाई गई। सेना के जवानों की संख्या कही नहीं बढ़ी।

हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच तीन दिन के भीतर, दोषियों को मिलेगी सजा 
सिन्हा ने कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच रिपोर्ट तीन दिन के भीतर आ जाएगी। किसी भी मुठभेड़ में बेगुनाह की जान नहीं जाएगी। नागरिकों के खिलाफ ऐसा करने पर दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। 

कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाया जा रहा
कश्मीरी विस्थापितों की घर वापसी के लिए अनुकूल माहौल पर सिन्हा ने कहा कि भारत सरकार के छह हजार नौकरी और छह हजार घरों के निर्माण पर वर्षों से गति से काम नहीं हो रहा था। कश्मीरी विस्थापितों के लिए लगभग 3500 घर निर्माणाधीन और बाकी टेंडर किए जा रहे हैं, जिसमें अगले डेढ़ साल में आवास बनकर तैयार हो जाएंगे। 

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