हरदा में करनी सेना और पुलिस में झड़प, लाठीचार्ज के बाद पांच गिरफ्तार

हरदा ज़िले में शनिवार को धोखाधड़ी के एक आरोपी को कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला न्यायालय और थाने के बाहर माहौल तनावपूर्ण हो गया। करणी सेना कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर कार्यवाही को लेकर नाराज़गी जताई और सिटी कोतवाली का घेराव किया। इसी दौरान करणी सेना के जिलाध्यक्ष सुनील राजपूत और एसआई अनिल गुर्जर के बीच तीखी बहस हो गई, जिसमें राजपूत ने कथित तौर पर एसआई को वर्दी उतारने की धमकी दे डाली।

हल्का बल प्रयोग, पांच गिरफ्तार

स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और करणी सेना के जिलाध्यक्ष सहित पांच कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर मारा, जिसके विरोध में कार्यकर्ता बाईपास चौराहे पर धरने पर बैठ गए और चक्काजाम कर दिया। वहां हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए कार्यकर्ताओं ने अपने साथियों की रिहाई की मांग की।

आरोपी को सौंपने की मांग पर हंगामा

एसपी अभिनव चौकसे ने बताया कि आरोपी मोहित वर्मा को इंदौर से गिरफ्तार कर हरदा लाया गया था, जो धारा 420 के मामले में वांछित था। करणी सेना कार्यकर्ता आरोपी को पुलिस से अपने हवाले करने की मांग कर रहे थे, जो कानूनी रूप से संभव नहीं था। इसी को लेकर प्रदर्शन हुआ और थाने पर हंगामा हुआ। मामले में सुनील राजपूत, आशीष राजपूत, शुभम, रोहित सहित अन्य के खिलाफ बलवा और शांति भंग की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

चक्काजाम के खिलाफ भी दर्ज होगा मामला

पुलिस के अनुसार, बाईपास पर चक्काजाम कर रहे लोगों के खिलाफ भी एफआईआर की जाएगी। एडिशनल एसपी आरडी प्रजापति ने कहा कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की इजाज़त नहीं दी जा सकती और सभी आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

आरोप: पुलिस ने आरोपी को संरक्षण दिया

करनी सेना से जुड़े आशीष राजपूत ने आरोप लगाया कि उन्होंने 1.52 कैरेट का हीरा 18 लाख में खरीदा था, जो बाद में नकली निकला। मामले में 11 दिसंबर 2024 को धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। आरोप है कि आरोपी मोहित वर्मा को पुलिस संरक्षण दे रही थी और उसे छोड़ने की कोशिश कर रही थी। साथ ही आशीष ने विवेचना अधिकारी पर 2.80 लाख रुपये की रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि जब पुलिस ही आरोपियों को बचाएगी, तो पीड़ित न्याय के लिए कहाँ जाएगा?

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