दूसरा कवाल कांड बनाने का षड्यंत्र


28 अगस्त: मलकपुरा (भोपा-मुजफ्फरनगर) गांव कवाल में बहिन से छेड़‌छाड़ रोकने के प्रयास में मारे गए भाइयों-गौरव व सचिन की 11वीं बरसी पर श्रद्धांजलि सभा में पूर्व मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने बताया कि मलिकपुरा में सचिव-गौरव की प्रतिमायें स्थापित होंगी। मलकपुरा से भोपा तक पक्का मार्ग व पिमौड़ा व जानसठ मार्ग का निर्माण शीघ्र आरंभ हो जायगा। दोनों भाइ‌यों को श्रद्धांजलि देने तमाम प्रमुख नेता उपस्थित थे। अपने इकलौते पुत्र गौरव के चित्र पर फूल चढ़ाते समय उसकी माँ सुरेश बेहोश हो गई।

28 अगस्तः ककरौली-कक्षा 11 की छात्रा से बस में बैठे मुस्लिम युवकों ने छेड़‌छाड़ की। वे प्राय: ऐसी हरकत करते रहते थे। छात्रा का भाई विशाल कक्षा 9 में उसी कॉलेज में पढ़ता था, जो उसके साथ था। उसने व उसके साथी शेखर ने छेड़छाड़ का विरोध किया। बेहड़ा सादात चौराहे पर छेड़‌छाड़ करने वाले युवकों ने छात्रा के भाई और उसके साथी को बस से उतार लिया और अपने सम्प्रदाय के 15-20 लोगों को साथ लेकर विशाल तथा शेखर को पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया। घायल किशोरों का पुलिस ने मेडिकल कराया। एसपी देहात आदित्य बंसल व सी.ओ. भोपा डॉ. रविशंकर ने कार्यवाही का आश्वासन दिया।

29 अगस्तः थाना भोपा पुलिस ने 2 नाबालिग छात्रों को पीटने वाले उम्मेद, अमजद, शमशाद को गिरफ्तार किया। शाम तक 13 में 5 आरोपी हिरासत में।

30 अगस्तः भारतीय किसान यूनियन तोमर के जिला अध्यक्ष 150-200 कार्यकर्ताओं के साथ थाना ककरौली पहुंचे। आरोपियों को गलत फसाने का आरोप लगाया। पुलिस ने थाना परिसर में हंगामा करने व सरकारी काम में बाधा डालने पर 70 लोगों का चालान किया।

31 अगस्त: ककरौली में ग्राम चोरावाला, मीरावाला, खरपौड़, गंगदासपुर, बेहड़ा सादात, दरियापुर, टंढेड़ा, जड़बड़ कटिया, ककरौली, तिस्सा अलीपुर आदि ग्रामों के लोग एकत्र हुए। चेतावनी दी कि पिटाई में शामिल सभी लोगों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं हुई तो बेहड़ा सादात के उसी चौराहे पर सभा की जायगी जहां विशाल और शेखर को पीटा गया था।

1 सितंबरः खोकनी: ग्रामीणों की विशाल सभा में लोनी के विधायक नन्द किशोर गुर्जर ने कहा कि जो नेता टोल टैक्स बचाने के लिए यूनियन का सहारा लेते हैं वे दोषियों की पैरोकारी से बाज़ आयें। पुलिस ने लापरवाही बरती तो लाखों लोग एकत्र होंगे। प्रधान रसिन्दर ने कहा कि अपराधियों का नाम निकलवाने का षड्यंत्र हम सफलन न होने देंगे।

2 सितंबरः ग्राम करहेड़ा निवासी उमेश की पुत्रियां जनता कॉलेज से साइ‌किल द्वारा घर लौट रही थीं। ग्राम किशनपुर से आगे मोड़ पर मुंह पर मास्क लगाये हुए एक व्यक्ति ने छात्रा स्वाती के सिर पर डंडे से प्रहार किया। पीछे आ रही उसकी बहन खुशी बचाने दौड़ी तो उस पर भी डंडे से प्रहार किया। शोर सुनकर खेतों में काम कर रहे लोग दौड़े तो हमलावर फरार हो गया। भोपा नहर पटरी पर ऐसी वारदातें पहले भी हो चुकी हैं।

कवाल कांड की त्रासदी ने 60 लोगों की जान ली थी। दो तबकों में हमेशा के लिए खाई पैदा कर दी। अब गुर्जर समुदाय की बेटी के साथ अभद्रता हुई। एक ओर सचिन और गौरव को श्रद्धांजलि दी जा रही थी तो दूसरी ओर उसी सम्प्रदाय के लोग विशाल व शेखर को निर्मता से पीट रहे थे। अपनी कस्तूत पर इन्हें ज़रा भी शर्म-हया, पछतावा या कानून का भय नहीं हुआ। तब तो आजम खान ने गौरव व सचिन के हत्यारों को हवालात से छुड़‌वा कर तत्कालीन जिला अधिकारी सुरेन्द्र सिंह व एसएसपी मंजिल सैनी का आधी रात में ही लदान कर दिया था। कैसे जौली नहर में युवकों को बाइक समेत डुबोया गया और 700 निर्दोष युवकों के झूठे चालान काटे गए, इसे नहीं भुलाया जा सकता।

असामाजिक तत्व और देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा करने वाले तत्व एक छोटी चिंगारी को शोला बनाने को मुस्तैदी से जुटे हैं। लोग इसके लिए पुलिस व प्रशासन को आरोपित करते हैं लेकिन देश का दुर्भाग्य कि कानूनी किताबें पढ़-पढ़ कर न्यायिक अधिकारी भी अराजकता पैदा करने वालों की हौसला-अफजाई करने पर उतारू हैं।

मुजफ्फरनगर के शान्तिप्रिय एवं संवेदनशील नागरिकों को दूसरे कवाल कांड की सम्भावना से जिले को बचाने के लिए सावधान रहने की आवश्यकता है।

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