दिल्ली पुलिस ने लोगों से राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सबूत या जानकारी साझा करने की अपील की है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अपील में कहा गया है कि मीडियाकर्मियों समेत वे लोग जो घटनाओं के गवाह है या जिनके पास घटना संबंधी कोई जानकारी है या जिन्होंने अपने मोबाइल फोन या कैमरे में कोई गतिविधि कैद की है, उनसे अपील की जाती है कि वे आगे आएं और कामकाजी घंटों के दौरान आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय की दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर 2015 में अपने बयान दर्ज कराएं या फुटेज एवं तस्वीर जमा कराएं, या फिर पुलिस को फोन या ईमेल के जरिए इसकी जानकारी दें।
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मांग को रेखांकित करने के लिए मंगलवार को हुई ट्रैक्टर परेड उस समय हिंसक हो गई थी, जब प्रदर्शनकारी निर्धारित मार्ग छोड़कर अन्य मार्गों पर चले गए, उन्होंने पुलिस कर्मियों पर हमला किया, वाहन पलट दिए और लाल किले की प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगाया।
पुलिस ने बृहस्पतिवार को किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए और इस हिंसा के पीछे के षड्यंत्र’’ की जांच शुरू करने की घोषणा की।
पुलिस ने इस मामले में अब तक 33 प्राथमिकी दर्ज की है और 44 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए हैं। पुलिस के अनुसार दोपहर बाद प्रदर्शनकारी किसानों और बाहर से आई कुछ लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया है और आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। बताया जा रहा है स्थानीय लोगों का दावा करने वाले समूह किसानों को सिंघु बॉर्डर से हटाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान दोनों समूह आपस मे भीड़ गए। दोनों तरफ से पथराव भी हुआ। गौरतलब है पिछले दो महीने से अधिक समय से सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानून को वापस करने के मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान आन्दोलन कर रहे हैं।