आपदा संकट पर बचाव का प्रबंध

मुज़फ्फरनगर के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेंद्र कुमार सिंह ने राज्य सरकार के एक महत्त्वपूर्ण निर्णय की जानकारी ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को दी है। उन्होंने बताया कि जनपद के 50 गावों में सामुदायिक स्तर पर आपदा नियंत्रण के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जायेगा ताकि बाढ़, सूखा या अन्य कोई आपदा आने पर वे तुरंत सक्रिय हो सकें। इसके लिए 5 समितियां गठित की जाएंगी। आपदा आने पर सम्बन्धित विभागों के फ़ोन नंबर उपलब्ध होंगे ताकि संकट से निपटने के लिए तुरंत सक्रिय हुआ जाएं।

अपर जिलाधिकारी ने एक अन्य महत्तवपूर्ण सूचना यह भी दी कि नदियों के किनारे बसे क्षेत्रों के निवासियों की सुविधा के लिए पक्के आश्रय स्थल बनाये जायेंगे।

ये दोनों ही निर्णय राहत पहुंचाने वाले हैं। जब मुज़फ्फरनगर एक ही जिला था, शामली पृथक जनपद नहीं बना था तब पत्रकार लिखते थे कि यमुना व गंगा के किन-किन ग्रामों में बाढ़ का प्रकोप होना है। आज भी कैराना के रामड़ा और शुक्रताल के मजलिसपुर तौकीर आदि ग्रामों के नाम पत्रकार तुरंत लिख देते हैं कि अमुक-अमुक ग्राम बाढ़ के चपेट में आ गए हैं और वहां फसलें डूब चुकी हैं तथा मनुष्य व पशु दोनों परेशानहाल हैं। भले ही बाढ़ के प्रकोप से डूब क्षेत्र के ग्रामों को पूरी तरह से न बचाया जा सके, किन्तु पक्के आश्रय स्थल बनने से लोगों को राहत तो अवश्य मिलेगी। सरकार किसी भी दल की हो, बाढ़ के प्रकोप से बचने का उचित उपाय तो अवश्य निकालना पड़ेगा, चाहे उसमे ज्यादा समय लगे।
गोविन्द वर्मा

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