उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई है. भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ था जबकि जमीन के सतह से इसकी गहराई 10 किलोमीटर नीचे था. भूकंप की वजह से अभी तक किसी भी प्रकार के जनहानि की कोई जानकारी सामने नहीं आई है. भूकंप के झटकों के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए थे.
मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में पिथौरागढ़ से सटे कुछ इलाकों में आज शाम 7 बजकर 16 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का लेटीट्यूड 29.85 नॉर्थ और लॉन्गिट्यूड 80.52 ईस्ट रिपोर्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके हल्के थे इसलिए किसी भी प्रकार के नुकसान की जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है.
17 फरवरी को दिल्ली में हिली थी धरती
उत्तराखंड से पहले सोमवार को देश की राजधानी दिल्ली में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र धौला कुंआ के आसपास दर्ज किया गया था. सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर आए भूंकप ने दिल्ली वालों की नींद उड़ा दी थी.
जमीन के सतह से भूकंप का केंद्र मात्र 5 किलोमीटर गहराई पर था. इस वजह से धौला कुंआ और उसके आसपास के इलाकों में गड़गड़ाहट की आवाज भी सुनने को मिली थी. तेज आवाज के साथ आए भूकंप के झटकों के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए थे.
क्षेत्र की भूगर्भीय विशेषताओं में प्राकृतिक बदलाव रहा वजह
वैज्ञानिकों की मानें तो दिल्ली में आया भूकंप इस क्षेत्र की भूगर्भीय विशेषताओं में प्राकृतिक रूप से होने वाले बदलाव का परिणाम है, न कि प्लेट टेक्टोनिक्स के कारण ऐसा हुआ. उत्तर भारत में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सबसे अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. भूकंप संभावित दूरस्थ और निकटस्थ स्थानों में भूकंप आने पर भी दिल्ली में झटके महसूस किए जाते हैं.
धौला कुआं क्षेत्र में 2007 में आया था 4.6 तीव्रता वाला भूकंप
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के निदेशक ओपी मिश्रा ने बताया कि धौला कुआं क्षेत्र में 2007 में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया था. हालांकि, इसका प्रभाव सोमवार के भूकंप जितना तीव्र नहीं था क्योंकि इसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था. दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र-4 में रखा गया है, जो देश में दूसरा सबसे खतरे वाला क्षेत्र है. इस क्षेत्र में पहले भी भूकंप आ चुके हैं और यह कोई नया क्षेत्र नहीं है.