गुमला में नक्सलियों से मुठभेड़, जेजेएमपी कमांडर दिलीप लोहरा समेत तीन ढेर

झारखंड को नक्सल और उग्रवाद से मुक्त बनाने के प्रयासों के तहत राज्य पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इसी सिलसिले में सोमवार को गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के लावा दाग जंगल में एक सघन सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों की प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई।

सुरक्षाबलों को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने जेजेएमपी के कुख्यात सब जोनल कमांडर दिलीप लोहरा सहित तीन नक्सलियों को मार गिराया।

मौके से हथियारों का जखीरा बरामद
मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से एक एके-47 राइफल, दो इंसास राइफलें और बड़ी संख्या में कारतूस समेत अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है।

खुफिया सूचना के आधार पर चला अभियान
गुमला के पुलिस अधीक्षक हरीश बिन जमा को गुप्त सूचना मिली थी कि जेजेएमपी का शीर्ष कमांडर दिलीप लोहरा अपने दस्ते के साथ इलाके में सक्रिय है। इसी आधार पर गुमला, घाघरा और बिशनपुर थाना की पुलिस तथा झारखंड जगुआर के जवानों की संयुक्त टीम ने जंगल में तलाशी अभियान चलाया।

सर्च अभियान के दौरान नक्सलियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद दोनों ओर से भीषण मुठभेड़ हुई और तीन उग्रवादी मारे गए।

10 दिन पहले बोकारो में भी हुआ था मुठभेड़
उल्लेखनीय है कि इससे 10 दिन पूर्व, 16 जुलाई को बोकारो जिले के गोमिया क्षेत्र के बिरहोरडे़रा जंगल में भी सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। उस मुठभेड़ में 5 लाख के इनामी नक्सली कुंवर मांझी समेत दो उग्रवादी मारे गए थे, जबकि सीआरपीएफ कोबरा 209 बटालियन के जवान परनेश्वर कोच शहीद हो गए थे।

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