नतीजों से पहले ही कांग्रेस को ‘विधायकों’ के टूटने का डर

बिहार में चुनाव प्रक्रिया खत्म हो चुकी है और दस नवंबर यानि मंगलवार को चुनाव के नतीजे सबके सामने होंगे। चुनाव नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल में महागठबंधन को बढ़त मिलती नजर आ रही है और सत्तारूढ़ पार्टी के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विदाई के संकेत मिल रहे हैं।

वहीं एग्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस को अब अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। कांग्रेस ने मतगणना के बाद विधायकों को एकजुट रखने के लिए दो बड़े नेताओं को पटना भेजा है। इसमें पार्टी महासचिव अविनाश पांडेय और रणदीप सुरजेवाला शामिल हैं।

इन दोनों नेताओं को चुनाव के नतीजों के बाद हालात में प्रबंधन की जिम्मेदारी देकर भेजा गया है। एग्जिट पोल के मुताबिक जनता दल यूनाइटेड के नेतृत्व वाली एनडीए के बीच करीबी लड़ाई का अनुमान लगाया गया है, ऐसे में विरोधी पार्टी से विधायकों की खरीद फरोख्त का मामला सामने आ सकता है। 

ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इन दोनों नेताओं को पटना भेजा गया है ताकि यह बिहार में रहें और विधायकों के बीच समन्वय बनाए रखें। वहीं महागठबंधन में कांग्रेस के साथ वाम दल भी शामिल हैं। जबकि एनडीए में जदयू, भाजपा, जीतन राम मांझी की हम पार्टी और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी है। 

बिहार में बहुमत से चुनाव जीतने के लिए 122 का जादूई आंकड़ा चाहिए, अगर लड़ाई करीबी रही तो एनडीए की ओर से विरोधी दल के विधायकों पर नजर रखी जा सकती है। इसलिए कांग्रेस पहले से ही सतर्क हो गई है और पार्टी ने दो बड़े नेताओं को पहले ही पटना भेज दिया है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस अपने सभी विधायकों को किसी होटल में रख सकती है।

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