मुजफ्फरनगर के प्रसिद्ध शायर, पत्रकार और देहात परिवार से सबद्ध, मिलनसार और मानवतावादी सक्षियत के धनी इकरामुल्हक उर्फ नजम मुज़फ़्फ़रनगरी का आज प्रातः दुःख निधन हो गया। वे कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। काला मोतिया के कारण उनके दोनो नेत्रों की ज्योति चली गई थी। उन्होंने दिल्ली के प्रमुख हिन्दी उर्दू समाचार पत्रों के संवाददाता के रूप में कार्य किया और ‘दोआबा टाइम्स’ नाम से साप्ताहिक भी प्रकाशित किया। उनके दो काव्यसंग्रह प्रकाशित भी हुए थे लेकिन उन्होंने बड़ी संख्या में अप्रकाशित रचनाएं भी मौजूद है। श्री नजम ने कुछ समय के लिए ‘देहात’ में नगर संवाददाता के रूप में भी कार्य किया था। उन्होंने सामाजिक भाईचारे और राष्ट्रीय एकता पर अनेक नजमें लिखीं। वे मुजफ्फरनगर के प्रसिद्ध शायर अलम मुज़फ़्फ़रनगरी के शागिर्द थे। उनके निधन से उर्दू शायरी एवं पत्रकारिता में एक शून्य पैदा हो गया। जिसकी पूर्ति निकट भविष्य में होना कठिन है। ‘देहात परिवार’ नजम साहब के निधन पर गहरा शोक प्रकट करता है। उनके शोकाकुल परिवार के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं है।