कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा के पोते, पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को घरेलू सहायिका से बलात्कार के मामले में बेंगलुरु की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी को सात लाख रुपये मुआवजे के रूप में पीड़िता को देने का भी आदेश दिया है। इसके अतिरिक्त, पूर्व सांसद पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
एक दिन पहले अदालत ने उन्हें सभी चार मामलों में दोषी करार दिया था। पीड़िता की ओर से लगाए गए आरोपों की पुष्टि अदालत में पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर हुई। न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने शनिवार को सजा का ऐलान किया।
चार मामलों में हुई थी शिकायत, 26 गवाहों के बयान हुए दर्ज
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ घरेलू सहायिका ने पिछले वर्ष चार अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 1,632 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 183 दस्तावेजी साक्ष्य और इलेक्ट्रॉनिक डेटा शामिल था। कुल 26 गवाहों से पूछताछ की गई। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 2 मई से लगातार की और 18 जुलाई को बहस पूरी हो गई थी।
अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद दर्ज हुए केस
रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई उस समय शुरू हुई जब कथित तौर पर उनसे जुड़ा एक अश्लील वीडियो अप्रैल 2024 में हासन लोकसभा क्षेत्र में चुनाव से ठीक पहले वायरल हो गया। इसके बाद एसआईटी ने 31 मई 2024 को उन्हें बेंगलुरु हवाई अड्डे से उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वह जर्मनी से लौटे थे। चुनाव में हार के बाद जेडीएस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।
फैसले के वक्त भावुक हुए रेवन्ना
शुक्रवार को अदालत में सजा सुनाए जाने के दौरान प्रज्वल रेवन्ना स्पष्ट रूप से तनाव में नजर आए और जैसे ही उन्हें दोषी ठहराया गया, वह reportedly रो पड़े। न्यायाधीश ने तकनीकी साक्ष्यों, खासकर मोबाइल लोकेशन डेटा के आधार पर मामले में अंतिम निर्णय लिया।