यह सुकून देने वाला समाचार है कि मनसे नेता राज ठाकरे को सद्बुद्धि प्राप्त हो गयी और ईद के मौके पर हनुमान चालीसा का पाठ करने तथा मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाने का दुराग्रह उन्होने छोड़ दिया है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर- मस्जिदों से कई-कई लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल न करने व उनकी आवाज धीमी करने का निर्देश दिया था। उत्तर प्रदेश में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का स्वेच्छा से पालन किया गया किन्तु राज ठाकरे ने महाराष्ट में व्यर्थ का वितंडा खड़ा कर दिया है। शुक्र है उन्हें अक्ल आ गयी।
ईद का त्यौहार भारत में सदियों से मनाया जाता है। यह मौका राजनीति चमकाने का हरगिज नहीं। देश में सभी संप्रदायो के त्यौहार हंसी-खुशी से मनाने की परम्परा कायम रहनी चाहिए।
गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’