हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में देर रात से जारी जोरदार बारिश के कारण कई जगहों पेड़ गिरने और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। विकास नगर इलाके में पेड़ गिरने से एक भवन की छत क्षतिग्रस्त हो गई और सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया। वहीं टूटी कंडी में आधा दर्जन से अधिक पेड़ गिरने से कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और सड़क बंद है। खालिनी में हुए ढहने से छह मजदूर बाल-बाल बच गए। वहीं विकास नगर के हिमुडा कॉलोनी में भी भूस्खलन के कारण एक कार क्षतिग्रस्त हुई और पेड़ गिर गया। ऊना जिले के टकोली गांव में अजय कुमार के मकान की दीवार बारिश के कारण गिर गई, लेकिन यह दीवार बाहर की तरफ गिरी, जिससे कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
मानसून में अब तक 229 लोगों की मौत, भारी आर्थिक नुकसान
प्रदेश में इस मानसून सीजन (20 जून से 11 अगस्त तक) 229 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 323 लोग घायल और 36 अभी भी लापता हैं। इस दौरान सड़क हादसों में 116 मौतें हुई हैं। बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 2,388 घर, दुकानों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही 1,955 गोशालाएं और 1,611 पालतू पशु भी प्रभावित हुए हैं। कुल आर्थिक नुकसान करीब 2007 करोड़ रुपये आंका गया है।
कुल्लू और मंडी में भी भूस्खलन का कहर
कुल्लू और मंडी के दो गांव भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं, जहां 21 परिवारों ने अपने घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होना पड़ा। मंडी के टनिपरी गांव में पहाड़ी में बड़ी दरारें पड़ने से ग्रामीण दहशत में हैं, जबकि कुल्लू के टिचना में पीड़ित परिवारों ने रिश्तेदारों के पास शरण ली है। मवेशियों के लिए टेंट लगाए गए हैं। मणिकर्ण घाटी के बरशैणी पंचायत के शिल्हा गांव के नीचे भी लगातार भूस्खलन हो रहा है।