आईएएस इफ्तिखारुद्दीन दाढ़ी न रखने पर कर्मचारियों को लगाते थे फटकार

कानपुर। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस और कानपुर के मंडलायुक्त रह चुके इफ्तिखारुद्दीन के इस्लामिक वीडियो में रोजाना नये-नये खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच कर्मचारियों ने एक और खुलासा कर दिया कि इफ्तिखारुद्दीन धर्म के प्रति इतने कट्टर थे कि जो मुसलमान दाढ़ी नहीं रखता था उसे कड़ी फटकार लगाते थे। यही नहीं दूसरे धर्म के प्रतीकों की प्रमुखता रखने वाले कर्मचारियों को अनायास परेशान करते थे।

मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के इस्लामिक वीडियो जो वायरल हो रहे हैं उसकी सच्चाई जांच के बाद ही पता चलेगी, लेकिन जांच कर रही एसआईटी ने यह जरूर सुनिश्चित कर दिया है कि सभी वीडियो तत्कालीन मंडलायुक्त के सरकारी आवास के ही हैं। इससे साफ हो गया कि इफ्तिखारुद्दीन अपने पद की गरिमा को दरकिनार कर आवास में धार्मिक बैठकें बुलाते थे और इस्लाम को बढ़ावा देते थे। इसको लेकर लोगों में बराबर गुस्सा है और अब मंडलायुक्त कार्यालय में तैनात कर्मचारी भी मीडिया के सामने उनके कारनामों को रख रहे हैं। यह अलग बात है कि अभी उनमें इस बात का भय है कि वह आईएसएस अधिकारी हैं और आन रिकॉर्ड कहने से बच रहे हैं। इसी कड़ी में नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि उनमें इस्लाम के प्रति जबरदस्त कट्टरता थी। उनके साथ जो मुसलमान सुरक्षा कर्मी चलते थे उनको दाढ़ी रखना अनिवार्य किये थे, अगर कोई सुरक्षाकर्मी पुलिस के नियमों के मुताबिक दाढ़ी नहीं रखता था। उसको कड़ी फटकार लगाते थे। यही नहीं अन्य धर्म के उन कर्मचारियों को परेशान करते थे जो धर्म से संबंधित प्रतीक जैसे तिलक लगाना, चोटी रखना आदि से प्रभावित थे।

बता दें कि आईएएस के अब तक 50 से अधिक वीडियो एसआईटी के सामने आ चुके हैं। यह सभी वीडियो मंडलायुक्त आवास के छह लैपटॉपों में मिले हैं। इन सभी वीडियो के साथ ही वायरल वीडियो को एसआईटी ने जांच की और इस बात की पुष्टि हो गई है कि तत्कालीन मंडलायुक्त अपने सरकारी आवास में धार्मिक गुरुओं के साथ बैठक कर इस्लाम का पाठ पढ़ाते थे।

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