रायपुर पहुंच सकते हैं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

रांची. झारखंड की राजनीति में इस वक्त भूचाल मचा हुआ है। किसी भी वक्त ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सीएम के खिलाफ फैसला आ सकता है। राज्यपाल अपना आदेश चुनाव आयोग को भेज सकते हैं। राज्यपाल का फैसला देरी से आने से सरकार को अंदेशा है कि भाजपा विधायकों की खरीद- फरोख्त कर सकती है। इसी डर के कारण हेमंत सोरेन महागठबंध के करीब 31 मंत्रियों-विधायकों को 30 अगस्त को विशेष विमान से रायपुर भेज दिया। सीएम खुद सभी को एयरपोर्ट छोड़ वापस लौट आए। सीएम महागठबंधन के शेष मंत्रियों-विधायकों को आज लेकर रायपुर जा सकते हैं। जानकारी हो सभी मंत्री-विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर के मेफेयर रिसोर्ट में रखा गया है। 

सीएम समेत कई मंत्री रांची में
महागठबंधन के 31 विधायकों को रांची एयरपोर्ट छोड़ सीएम लौट आए। सीएम के अलावा मंत्री चंपई सोरेन, जोबा मांझी, मिथिलेश ठाकुर, जगन्नानाथ महतो, हाफिजुल हसन भी रांची में ही मौजूद हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में बीच में राज्यपाल का फैसला आ गया तो सभी अगला कदम उठा सकें। बताया जा रहा है कि ये सभी मंत्री अन्य विधायकों को लेकर आज रायपुर शिफ्ट हो सकते हैं। 

ये मंत्री-विधायक रायपुर शिफ्ट हुए
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पात्रलेख, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, और श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता रायपुर गए हैं। जबकि विधायक दिनेश विलियम मरांडी, स्टीफन मरांडी, सीता सोरेन, दीपिका सिंह पांडेय, उमाशंकर अकेला, नलिन सोरेन, अम्बा प्रसाद, डॉ सरफराज अहमद,  सुदिव्य कुमार सोनू, कुमार जयमंगल सिंह, पूर्णिमा नीरज सिंह, मथुरा महतो, समीर मोहंती, रामदास सोरेन, संजीव सरदार, मंगल कालिंदी, निरल पूर्ति, सोनाराम सिंकू, सुखराम उरांव, दशरथ गागराई, विकास कुमार मुंडा, शिल्पी नेहा तिर्की, भूषण तिर्की, चमरा लिंडा, भूषण बारा, जिगा सुसाशन होरो और वैधनाथ राम रायपुर गए हैं। इनके साथ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी रायपुर में हैं। 

ये विधायक नहीं गए रायपुर
सीएम और पांच मंत्री के अलावा विधायक सविता महतो, प्रदीप यादव, ममता देवी, रामचंद्र सिंह, बसंत सोरेन, दीपक बिरुआ और लोबिन हेम्ब्रम अभी झारखंड में ही हैं। जबकि बंगाल में कैश के साथ पकड़े गए तीनों विधायक डॉ इरफान अंसारी, राजेश कशयप और विक्सल कोगंडी भी रायपुर नहीं गए है।

कभी भी आ सकता है फैसला
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ कभी फैसला आ सकता है। फैसला खिलाफ आया तो उनकी विधायकी जाना तय है। ऐसे में सीएम को सरकार गिरने का डर है। इसलिए वे महा गठबंधन के सभी विधायको को एकजुट किए हुए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here