संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को समाप्त हो गया। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही तय समय से एक दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र समापन के बाद विपक्ष के नेताओं ने दोनों सदनों की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के आरोपों पर बात की और इसके लिए सरकार को जिम्मेदार बताया।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद का यह शीतकालीन सत्र 12 सांसदों के निलंबन के साथ शुरू हुआ। मानसून सत्र में जो हुआ उसके लिए उन्हें शीत सत्र में निलंबित करना पूरी तरह से गलत था। हम बेरोजगारी, महंगाई और अन्य मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन हमें मौका ही नहीं दिया गया।
बहुमत नहीं है इसलिए किया सांसदों को निलंबित: मल्लिकार्जुन खड़गे
खड़गे ने आगे कहा कि उनका (भाजपा) इरादा विधेयकों को बिना किसी चर्चा या बहस के तुरंत पारित करवाने का था। चूंकि वो बहुमत में नहीं हैं, वह विधेयकों पर मतदान नहीं करवाना चाहते थे इसलिए उन्होंने कुछ विपक्षी सदस्यों को कम करने का फैसला लिया। जैसे ही सत्र की शुरुआत हुई, 12 सांसद निलंबित कर दिए गए।
सरकार को विपक्ष के सवालों का जवाब देना होगा: अधीर रंजन चौधरी
उधर, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम चाहते थे कि सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चले। लेकिन, जब अजय मिश्र का टेनी नाम सामने आया, हमें सरकार से बात करने की जरूरत महसूस हुई। अगर सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देती है तो संसद के स्थगन के लिए वह खुद जिम्मेदार है।
प्रह्लाद जोशी बोले, राहुल गांधी नया साल मनाने जा रहे होंगे इसलिए…
उधर समय से पहले संसद स्थगित होने पर संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम चाहते थे कि सदन चले, लेकिन उन्होंने (विपक्ष ने) कई दिन बर्बाद कर दिए, बिना किसी चर्चा के हंगामा करते रहे… राहुल गांधी एक पार्ट टाइम राजनेता हैं, शायद वह नववर्ष मनाने के लिए कहीं जा रहे हैं इसलिए विपक्ष ने ऐसा किया।
29 नवंबर को हुई थी सत्र की शुरुआत, 23 दिसंबर को होना था समापन
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ जो कि 23 दिसंबर तक निर्धारित था लेकिन एक दिन पहले ही दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।शीतकालीन सत्र में कुल 18 बैठकें हुईं। विपक्षी सदस्यों की ओर से दोनों सदनों में व्यवधान के कारण सत्र में 18 घंटे और 48 मिनट का नुकसान हुआ।