किश्तवाड़ जिले के चिशोती में मंगलवार को बादल फटने की आपदा में चार और शव बरामद हुए। इनमें दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। इस घटनाक्रम के साथ मृतकों की संख्या 67 तक पहुँच गई है। तलाशी अभियान के दौरान कटे हुए मानव अंग भी मिले हैं। 14 अगस्त को आई आपदा के बाद छठे दिन भी लापता लोगों की तलाश जारी है, जिसमें ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है।
मंगलवार सुबह करीब 8 बजे राहत और बचाव अभियान शुरू हुआ। सबसे पहले पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के मलबे की जांच की गई, जहां एक महिला का शव मिला। थोड़ी देर बाद पास ही एक पुरुष का शव भी बरामद हुआ। मचैल यात्रा के लिए बनाए गए लंगर की रसोई के पास मलबे की खोज के दौरान एक और पुरुष का शव और मानव अंग (एक कटा हुआ पैर और बाजू) मिले। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने ड्रोन की मदद से भोटनाला नदी के किनारे भी तलाशी अभियान चलाया, जहां पेड़ में अटका एक महिला का शव मिला। चारों शवों को पहले अठोली पीएचसी भेजा गया, जहां शिनाख्त न होने पर उन्हें जम्मू जीएमसी भेजा गया।
छह दिन बीत जाने के बाद भी लापता लोगों की संख्या स्पष्ट नहीं है। आईजी भीमसेन टूटी के मुताबिक, अभी 44 लोग लापता हैं। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील कुमार शर्मा का अनुमान है कि लापता लोगों की संख्या लगभग 100 हो सकती है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल के साथ-साथ नदी के किनारे भी तलाशी तेज करनी होगी, क्योंकि नदी के ढलान पर बहते पानी में शव मिलने की संभावना कम है, लेकिन कुछ ऐसे स्थान हैं जहां शव रुक सकते हैं।