श्रीनगर में मुहर्रम जुलूस में पहली बार 35 साल बाद एलजी सिन्हा हुए शामिल

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शनिवार को श्रीनगर में मुहर्रम के जुलूस में शामिल हुए। पिछले 35 वर्षों में यह पहली बार है कि प्रशासन का कोई प्रमुख इस जुलूस में शामिल हुआ है। आशूरा पर शिया समुदाय ने जुलूस शहर के अंदरूनी इलाकों में पारंपरिक मार्ग से निकाला। इस बीच सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

मुहर्रम जुलूस में शामिल लोगों के लिए प्रशासन ने सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और जलपान की विशेष व्यवस्था की थी। सिन्हा ने मौके पर मौजूद लोगों को जलपान भी वितरित किया। प्रशासन ने वीरवार को मुहर्रम जुलूस को गुरु बाजार से डलगेट तक पारंपरिक मार्ग से गुजरने की अनुमति दी थी।

जो जदीबल के इमामबाड़े पर समाप्त हुआ। अधिकारियों ने बताया कि काला कुर्ता पहने सिन्हा कड़ी सुरक्षा के बीच डाउनटाउन के बोटा कदल इलाके में चल रहे जुलूस में शामिल हुए। उनके साथ पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय कुमार ने कहा कि आशूरा जुलूस से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

अन्य दिनों की तुलना में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है। उन्होंने कहा कि बदलते कश्मीर के लिए यह एक अच्छा संकेत है। सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य को बदलने में मदद की है जबकि शांति बनाए रखने का श्रेय स्थानीय लोगों को जाता है।

एडीजीपी ने कहा कि जनता शांति चाहती है हमने सुरक्षा प्रदान करते हुए पूरे परिदृश्य को बदल दिया है। इसमें जनता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। मुहर्रम का यह दिन पैगंबर मोहम्मद के पोते हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की इराक के कर्बला में शहादत का प्रतीक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here