हिन्दुओं के विरुद्ध दिन-रात जहर उगलने वाले ओवैसी बंधुओ, देवबंदी कट्टरपंथियों, तौकीर रजा और देश भर में “सर तन से जुदा” तथा फिलिस्तीन जिंदाबाद कह कर विदेशी झंडे लहराने वालों के विरुद्ध हमारी सरकार और अदालतें उदारता दिखा कर भाईचारे को प्रदर्शित करती हैं, कोई कार्यवाई न कर अपराधियों को या तो मुक्त कर देती हैं या फिर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाता है लेकिन इंग्लैंड की एक अदालत ने हिन्दुओं के प्रति जहर उगलने वाले कट्टरपंथी इस्लामिक नेता को आजीवन कारावास की सजा देकर भारत के सत्तारूढ़ नेताओं और भारत की न्यायपालिका को आयना दिखाया है।
लन्दन में रहने वाला पाकिस्तानी मूल का एक मौलाना अंजेम चौधरी आतंकी गुट का संचालन करता था, हिन्दुओं के विरुद्ध नफरत फैलाने में लगा रहता था। वह अल-मुहाजिरौन नाम का एक धर्मांध पूर्ण संगठन चलाता था। 57 वर्षीय अंजेम चौधरी के संगठन को 10 वर्ष पूर्व प्रतिबंधित कर दिया गया था किन्तु फिर भी वह लंदन में रहकर साम्प्रदायिक घृणा फैलाने में जुटा था। लन्दन पुलिस ने गत सप्ताह उसका आतंकी विचार फैलाने व नफरती भाषणों के आधार पर चालान किया था।
लन्दन की वूलविच क्राउन कोर्ट के जज मार्क वॉल ने समाज में द्वेष व घृणा फैलाने के अपराध में अंजेम चौधरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जज ने अंजेम चौधरी से कहा- आप अपने विचारों से हिंसा को सामान्य बनाते हैं। इन विचारों से अनेक लोगों में दुस्साहस बढ़ता है। जज मार्क वॉल ने आदेश दिया- अंजेम चौधरी को 28 वर्ष जेल में रखा जाए। इसके बाद ही उसे पैरोल मिल पाएगी।
क्या हमारे नेताओं, हमारी व्यवस्था, हमारी न्यायपालिका में राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी और दमख़म शेष है? यहां तो बातों के, जुमलों के शेर बसते हैं। इनके रहते कश्मीर से कन्याकुमारी और पंजाब से बंगाल, असम तक अंजेम चौधरी जैसे सांप गली-गली फुफकारते रहेंगे।
गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’