असम में बेघर परिवारों से मिले मदनी, कहा– इंसाफ की लड़ाई कभी नहीं छोड़ेंगे

जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार (1 सितंबर) को असम पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने वहां उन राहत शिविरों का दौरा किया, जहां बुलडोजर कार्रवाई के कारण बेघर हुए सैकड़ों परिवार रह रहे हैं। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनकी स्थिति और मुश्किलों को जाना।

प्रतिनिधिमंडल ने अब तक लगभग 300 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर कई प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। मौलाना मदनी ने विशेष रूप से बैतबारी कैंप में रह रहे लोगों से विस्तार से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं।

मौलाना मदनी ने कहा कि हमारी लड़ाई अतिक्रमण हटाने के खिलाफ नहीं है, बल्कि न्यायपालिका के आदेशों की अवहेलना करते हुए लोगों को बेघर करना और कानून की बजाय डर, धमकी और बल का प्रयोग करना इंसानियत और न्याय के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि जमीअत उलेमा-ए-हिंद हमेशा से पीड़ितों के साथ खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी।

मौलाना मदनी ने आगे कहा कि वे जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन न्याय की लड़ाई कभी नहीं छोड़ेंगे। उनका संघर्ष कानून की अवहेलना और लोगों को जबरन बेघर करने के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुहिम में वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष मौलाना मदनी के अलावा महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, मौलाना मुफ़्ती जावेद इकबाल (अध्यक्ष, जमीअत उलेमा बिहार), मौलाना खालिद किशनगंज (नाजिम, जमीअत उलेमा किशनगंज), मौलाना नवेद आलम कासमी, कारी नोशाद आदिल (आर्गनाइज़र, जमीअत उलेमा-ए-हिंद), मौलाना हाशिम कासमी (कोकराझार, असम) और मौलाना सलमान कासमी (आर्गनाइज़र, जमीअत उलेमा-ए-हिंद) भी शामिल थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here