नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वायनाड से सांसद और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को को हराने के लिए सबको एक होना जरूरी है. बैठक के बाद ममता ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने सोनिया गांधी के साथ मौजूदा राजनीतिक हालात, पेगासस विवाद, विपक्षी एकजुटता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.
ममता ने कहा कि बैठक सकारात्मक रही और राहुल गांधी भी इसमें मौजूद रहे. ममता बनर्जी ने कहा कि पेगासस मामले पर जनता को सच जानना जरूरी है. ममता बनर्जी ने कहा कि सोनिया गांधी भी विपक्ष की एकजुटता चाहती हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्थानीय पार्टियों पर विश्वास करती है और स्थानीय पार्टियां कांग्रेस पर.
ममता बोलीं- मैं नेता नहीं कार्यकर्ता हूं
ये पूछे जाने पर कि क्या वह विपक्ष का नेतृत्व करेंगी, ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए सबको साथ आना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अकेले मैं कुछ भी नहीं हूं, सभी को मिलकर काम करना होगा. ममता ने कहा कि मैं कोई नेता नहीं हूं मैं कार्यकर्ता हूं. मैं सड़क से उठकर यहां तक आई हूं.
ममता बनर्जी ने कहा कि सोनिया जी ने मुझे चाय पर बुलाया था, राहुल जी भी वहां थे. हमने सामान्य राजनीतिक माहौल, पेगासस और कोविड की स्थिति पर चर्चा की इसके साथ ही हमने विपक्ष की एकजुटता को लेकर भी बात की. ये बहुत अच्छी बैठक थी. ममता ने कहा कि मुझे लगता है कि भविष्य में जरूर इसका सकारात्मक नतीजा निकलेगा.
ममता बनर्जी ने कहा कि, सरकार पेगासस पर जवाब क्यों नहीं दे रही है? लोग जानना चाहते हैं. अगर नीतिगत फैसले संसद में नहीं होते हैं, अगर वहां फैसले नहीं लिए जाते हैं तो वह कहां होंगे? ममता ने कहा कि ये सब चाय की स्टॉल पर नहीं होता, संसद में होता है.
ममता ने इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ, अभिषेक मनु सिंघवी और आनंद शर्मा से मुलाकात की थी. इसी दिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी.
कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं. पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह पहला दिल्ली दौरा है.