मेरठ (सिवालखास)। कस्बे में रविवार से लापता तीन मासूम बच्चों के शव सोमवार सुबह उनके घर के पास ही एक सुनसान प्लॉट से बरामद हुए। घटना की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई, जबकि परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गुस्साए ग्रामीणों ने चौकी पहुंचकर विरोध जताया और हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
बच्चे खेलने के दौरान हुए थे लापता
कस्बे के वार्ड नंबर एक निवासी श्रीचंद्र के बेटे जितेंद्र और मोनू के घर पास-पास हैं, जबकि उनके सामने ही हिम्मत का मकान है। रविवार सुबह करीब 10 बजे जितेंद्र की 7 वर्षीय बेटी मानवी, मोनू का 8 वर्षीय बेटा शिवांश, और हिम्मत का 8 वर्षीय बेटा ऋतिक घर के बाहर खेल रहे थे। दोपहर को परिजनों ने उन्हें भोजन के लिए बुलाना चाहा तो बच्चे लापता मिले।
इसके बाद घरवालों ने बच्चों की खोजबीन शुरू की, पहले मोहल्ले और फिर पूरे कस्बे में तलाश की गई। अनहोनी की आशंका के बीच मुनादी कराई गई और आसपास के खेतों, गलियों व गांवों में भी सर्च ऑपरेशन चला। देर रात तक बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला।
सोमवार सुबह मिले शव, कस्बे में मातम
सोमवार तड़के करीब साढ़े पांच बजे बच्चों के शव घर के पास स्थित एक खाली प्लॉट से बरामद हुए। शव मिलते ही परिजन घटनास्थल की ओर दौड़े और चीख-पुकार मच गई। कई महिलाएं मौके पर ही बेसुध हो गईं। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया।
सीओ सरधना आशुतोष कुमार ने बताया कि बच्चों की मौत के कारणों की जांच की जा रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। उन्होंने कहा कि हर पहलू पर जांच की जा रही है।
स्कूल जाने की उम्र में बुझ गए तीन चिराग
परिजनों के अनुसार, शिवांश यूकेजी और ऋतिक नर्सरी का छात्र था, जबकि मानवी अभी स्कूल नहीं जाती थी। तीनों बच्चों के पिता मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मासूमों की इस दर्दनाक मौत ने पूरे कस्बे को झकझोर कर रख दिया है।