बांग्लादेश के आंदोलनकारी हिन्दू और अल्पसंख्यक छात्रों ने मंगलवार को अंतरिम प्रशासक मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। यह मुलाकात ढाकेश्वरी मंदिर में हुई। इस दौरान उन आठ सूत्रीय मांगों पर चर्चा की गई, जिसके लिए उन्होंने अल्टीमेटम दिया था। यूनुस ने उनकी मांगों पर गौर करने और अल्पसंख्यकों पर हमले रोकने के लिए जरूरी उपायों का भरोसा दिया है।
यूनुस ऐसे समय मंदिर पहुंचे हैं, जब बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। यूनुस ने ढाकेश्वरी मंदिर में कहा कि देश को संकट से बाहर निकालना होगा। हमें एकजुट होना होगा। यह समय बंटने का नहीं, बल्कि साथ रहने क है। सभी को धैर्य और संयम का पालन करना होगा। हम ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जो एक परिवार जैसे रहे। जिसमें हिंसा न हो। हमें यहां शांति सुनिश्चित करनी होगी।
मुल्क में हिंसा के बीच आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभालने वाले यूनुस ने यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार सुनिश्चित किए जाने चाहिए। उन्होंने अपने देश की दुर्दशा के लिए संस्थागत पतन को जिम्मेदार ठहराया। ढाका के प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर में यह बैठक अल्पसंख्यक हिंदू आबादी पर हमलों, उनके व्यवसाय और संपत्तियों की बर्बादी और 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने के बाद कई दिनों तक चली हिंसा में हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने के बाद हो रही है। ढाकेश्वरी मंदिर प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है।
यूनुस के हवाले से एक स्थानीय अखबार ने बताया कि सभी के अधिकार समान हैं। हम सब एक जैसे ही हैं और हमारे एक ही अधिकार हैं। हमारे बीच कोई भेदभाव न करें। कृपया हमारी सहायता करें। धैर्य रखें और बाद में निर्णय लें कि हम क्या कर पाए और क्या नहीं। अगर हम असफल होते हैं, तो हमारी आलोचना करें।
इससे पहले हजारों अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्यों ने शुक्रवार और शनिवार को बांग्लादेश की राजधानी और उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। वे हिंसा के बीच सुरक्षा की मांग कर रहे थे। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वालों के मुकदमों में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरण, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन और अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून को लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर हिंदू प्रदर्शनकारियों की रैली ने शनिवार को ढाका के मध्य भाग में शाहबाग में तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात को रोक कर रखा था।
शनिवार को ही यूनुस ने हिंसा प्रभावित राष्ट्र में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की निंदा की थी। उन्हें जघन्य करार दिया था और युवाओं से सभी हिंदू, ईसाई और बौद्धों की रक्षा करने का आग्रह किया था। 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को हमलों की कम से कम 205 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।