ओडिशा: नवीन पटनायक कांग्रेस मुक्त भारत पर परेशानी में

2014 के आम चुनाव से पहले भाजपा के तत्कालीन स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया तो यह सबको बहुत भाया था। ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजद के नेता नवीन पटनायक समेत कई दलों के नेताओं ने इसका समर्थन किया। अब हालात बदल गए हैं। नवीन पटनायक को राज्य में अब भाजपा से भय लगने लगा है। वह बीजद की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनकर उभर रही है।

एक वक्त था जब बीजद समेत तमाम दल कांग्रेस को ही अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानते थे। 2014 में नवीन पटनायक की अगुआई वाली बीजद बीजेपी से हाथ मिलाकर एनडीए का हिस्सा बन गई थी। तब उसका मकसद ओडिशा व केंद्र में कांग्रेस को सत्ता से दूर रखना था। ओडिशा में बीजद-बीजेपी ने 2000 से लेकर 2009 तक गठबंधन सरकार चलाई थी। इसके बाद सीटों की साझेदारी पर दोनों दलों में खींचतान शुरू हुई और दोनों का गठबंधन टूट गया।

अब भाजपा बन गई बीजद की मुख्य प्रतिद्वंद्वी
ओडिशा में कांग्रेस तो पस्त हो गई है, लेकिन अब भाजपा ही बीजद का मजबूत विकल्प व प्रतिद्वंद्वी बनकर खड़ी हो गई है। ऐसे में बीजद खुद को मुश्किल हालात में पा रही है। बीजद के एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि बीजद नेता समझ गए हैं कि ओडिशा को ‘कांग्रेस मुक्त’ करने से उनकी पार्टी को तो फायदा नहीं हुआ, लेकिन भाजपा को उभरने का अवसर हाथ लग गया।
भाजपा राज्य के आदिवासी, अजा-जजा, पिछड़े वर्ग के वोट हासिल करने लगी है। ये वोट पहले कांग्रेस के लिए आधार थे। कांग्रेस का आधार रहे अल्पसंख्यक भी बीजद से दूर हो गए हैं। भाजपा के लिए अल्पसंख्यक वोट नहीं मिलना कोई समस्या नहीं है, क्योंकि ईसाई यहां की कुल आबादी के 2.77 फीसदी और मुस्लिम 2.17 फीसदी हैं। ऐसे में भाजपा हिंदुत्व के एजेंडे पर ही ओडिशा में आगे बढ़ सकती है।


भाजपा के जवाब में पटनायक का नया दांव
हिंदुत्व के एजेंडे पर चल रही भाजपा को परास्त करने के लिए बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने 2019 के बाद नई नीति अपनाई। इसके तहत ओडिशा में विभिन्न धर्मों के धार्मिक स्थलों का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा 3,200 करोड़ की लागत वाला जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। सीएम नवीन पटनायक ने भगवान जगन्नाथ को उड़िया सम्मान व गौरव का प्रतीक बताया है। उन्होंने संबलपुर के मां समलेश्वरी मंदिर के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये, पुरी में जगन्नाथ श्राइन और भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर के लिए 742 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मयूरभंज और केंद्रपाड़ा में भी मंदिरों को सहायता देने की घोषणा हुई है।

21 सालों से सीएम हैं नवीन पटनायक
नवीन पटनायक 16 अक्टूबर, 2021 को 75 साल के हो जाएंगे। वे वर्ष 2000 से ओडिशा के सीएम हैं। वे इससे पहले कभी धार्मिक रूप से इतना सक्रिय नहीं रहे। हालांकि वह पिता बीजू पटनायक की तरह चुनाव प्रचार का शुभारंभ और जीत के बाद जगन्नाथ मंदिर जाते हैं। माकपा नेता अली किशोर पटनायक का कहना है कि सीएम के पांचवें कार्यकाल में नवीन पटनायक ने सॉफ्ट हिंदुत्व की राह थाम ली है।

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