पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से घुसने की कोशिश कर रहे 54 टीटीपी समर्थकों को मार गिराया. पाकिस्तानी सेना के अनुसार, यह घटना उत्तरी वजीरिस्तान के पास हुई, जो अफगान सीमा पर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का हिस्सा है. पाकिस्तानी सेना ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर “विद्रोहियों” को अशांत क्षेत्र में देखा गया और उन्हें मार गिराया गया.
सेना ने यह भी दावा किया कि मारे गए आतंकवादी “ख्वारिज” थे, जो पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) को संदर्भित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला शब्द है.
बिना किसी देश का नाम लिए, सेना ने आरोप लगाया कि इन “विद्रोहियों” को उनके “विदेशी आकाओं” द्वारा पाकिस्तान में हाई-प्रोफाइल आतंकवादी हमले करने के लिए भेजा गया था. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान, जो पाकिस्तान में तालिबान से जुड़े समूहों का सहयोगी माना जाता है, इन आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है.
पाकिस्तान को निशाना बना रहा है टीटीपी
पाकिस्तानी तालिबान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नाम से काम कर रहा है. अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबान की सरकार बनी है. उसके बाद उसने अपनी गतिविधियां और तेज कर दी हैं. टीटीपी को अफगान तालिबान का समर्थक माना जाता है, और यह पाकिस्तान में कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है.
पिछले महीने पाकिस्तान की सेना ने डेरा इस्माइल खान शहर में एक ठिकाने पर छापेमारी के दौरान नौ आतंकवादियों को मार गिराया था, जिनकी पहचान “ख्वारिज” के रूप में की गई.
पाकिस्तान ने टीटीपी के खिलाफ की कार्रवाई
यह छापेमारी पाकिस्तान में घुसने की कोशिश कर रहे आठ आतंकवादियों के मारे जाने के बाद की गई थी. इनमें से एक आतंकवादी शिरीन था, जिसे सेना ने पिछले महीने पाकिस्तान के एक कैप्टन की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है.
इस बीच, पाकिस्तान के अफगानिस्तान के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक ने अफगान तालिबान से अपील की है कि वह टीटीपी को पाकिस्तान में हमले करने से रोकने के लिए कदम उठाए. सादिक ने चेतावनी दी, “अगर अफगानिस्तान इस मामले में सहयोग नहीं करता है, तो सभी समझौते रद्द कर दिए जाएंगे.”