19 अक्टूबर: राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयन्त सिंह 16 अक्टूबर 2023 को मेरठ की सरधना तहसील के गांव बहादरपुर पहुंचे जहां उन्होंने एशियन खेलों में भाला फेकने में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली अन्नूरानी को चाँदी का मुकुट पहनाया। जाट पंचायत ने भी पगड़ी पहना कर रालोद अध्यक्ष का स्वागत किया।
4-5 दिन पूर्व अन्नूरानी कह चुकी थीं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के निर्णय और डीएसपी बनने की प्रबल इच्छा के कारण मैंने स्वर्ण जीता है।
अन्नूरानी की भावना के विपरीत जयन्त सिंह बोले कि सरकार खेल और खिलाड़ियों की उपेक्षा करती है। 500 करोड़ रुपये का खेल बजट 5000 करोड़ होता तो हमारी बेटियां पदकों के ढेर लगा देतीं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जयन्त सिंह जाट बैल्ट मानते हैं। इसी तर्ज पर उन्होंने हरियाणा के खिलाड़ियों की प्रशंसा की और कहा कि छोटा राज्य होते हुए भी हरियाणा के खिलाड़ी मैडलों की गठरी बांध कर लाते हैं।
खेदजनक है कि राजनीति में अपनी ज़मीन खो चुके नेता जातिवाद को खेलों में भी घुसेड़ने का प्रयास करते हैं। हरियाणा के पहलवानों को उकसा कर और उन्हें आगे कर कैसी-कैसी नौटंकिया की गईं, यह ज्यादा पुरानी बात नहीं। राष्ट्र की गरिमा बढ़ाने वाले मैडलों को गंगा में विसर्जित करने का ड्रामा भी हुआ।
यह सर्वविदित है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खिलाड़ियों को विशेष प्रोत्साहन देने में रुचि है। केन्द्र सरकार ने खेल बजट में कई वर्षो से वृद्धि की है। अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खिलाडियों एवं एथलीट्स का श्री मोदी अपने आवास पर आमंत्रित कर सम्मान करते हैं। मोदी सरकार ने 2023 के खेल बजट में 723.97 करोड़ रुपये का इज़ाफ़ा कर खेल बजट 3389.32 करोड़ रुपये कर दिया है। खेल इंडिया को 1045 करोड, स्पोर्ट्स ऑथर्टी ऑफ इंडिया को 785.52 करोड़, नेशनल स्पोर्ट्स फैडरेशन को 325 करोड़, नेशनल सर्विस स्कीम स्वीम को 325 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। स्पोर्टस डवलपमेंट फंड में 15 करोड़ रुपये प्रदान किये गए। देश के प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय शिविर लगाये गए।
खेल व खिलाड़ियों तथा देश-प्रदेश के नागरिकों को भ्रमित करने के घृणित उद्देश्य से विपक्षी नेता जातिवाद व झूठ का सहारा लेने पर उतारू हो गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 अक्टूबर 2023 को ट्रांसपोर्ट नगर (हापुड़) में ‘नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम’ में ठीक ही कहा है कि 2017 से पूर्व गुंडों व अराजकतत्वों की हरकतों के कारण स्कूल-कॉलेज जाने से लड़कियां डरती थीं। तब खेल प्रतियोगिताओं या कोचिंग में जाने का माहौल ही नहीं था। आज के भयमुक्त वातावरण में बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
यहां मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की अपनी सरकार की योजना के अन्तर्गत स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी को डीएसपी पद और तीन करोड़ रुपये देने, रजत पदक हासिल करने वाले को डेढ़ करोड़ एवं कांस्य पदक लाने वाले खिलाड़ियों को 75-75 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भांति, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की दिशा में रुचि रखते हैं। योगी सरकार ने नयी खेल नीति बना कर इसके लिए ठोस कदम उठाये हैं। कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री ने घोषित किया था कि उत्तर प्रदेश में ऐसा वातावरण तैयार किया जाएगा जिसमें खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले और राज्य में राष्ट्रीय एवं अन्तरर्राष्ट्रीय खेल आयोजित हो सकें।
अखिलेश हों या जयन्त, युवा वर्ग तथा आम जनता को बरगलाने को सदैव तत्पर रहते हैं जबकि योगी सरकार ने प्रत्येक विद्यालय में खेल अनिवार्य करने के साथ उत्तर प्रदेश के हर ग्राम में ओपन जिम खोलने का निर्णय लिया है। जयन्त चौधरी ने ग्राम बहादरपुर में भ्रम फैलाया कि योगी सरकार खिलाड़ियों के लिए कुछ नहीं कर रही है।
वास्तविकता यह है कि योगी सरकार ने राज्य में पहली बार राज्य स्तरीय खेल प्राधिकरण का गठन किया है। यह उत्तर प्रदेश ही है जहां खेलों के 4 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये गए, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, खिलाड़ियों के प्रशिक्षण एवं दक्षता वृद्धि के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कोचों की नियुक्ति, 10 करोड़ रुपये की धनराशि से ‘राज्य खेल विकास कोष’ की स्थापना, पंजीकृत खिलाड़ियों को प्रशिक्षण अथवा खेल के दौरान चोटिल/घायल होने पर सरकार की ओर से मुफ्त इलाज की सुविधा, ग्रामीण स्टेडियमों का निर्माण, 11 कुश्ती अखाड़ों का निर्माण, 2 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियमों का निर्माण, उत्तर प्रदेश में 77 नये स्टेडियम, 68 बहु उद्देश्यीय स्पोर्ट्स हॉल, 39 तरणताल, 14 सिंथेटिक हॉकी मैदान, 36 जिम, 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 19 डोरमैट्री, 16 बास्केटबॉल स्टेडियम, 11 कुश्ती हॉल, 11 वेटलिफ्टिंग हॉल, 3 स्पोर्ट कॉलेज, 44 क्रीड़ा छात्रावास, मेरठ में मेजर ध्यानचन्द अन्तर्राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के निर्माण की ओर प्रदेश आगे बढ़ रहा है।
योगी सरकार ने ओलम्पिक या अन्य अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों की सम्मान राशि करोड़ों रुपियों में की है। साथ ही अर्जुन या अन्य पुरस्कारों से सम्मानित खिलाड़ियों को मासिक सम्मान राशि देने का फैसला भी किया है लेकिन जयन्त को यह कुछ नहीं दिखाई देता क्योंकि उन्हें लोगों को भ्रमित कर तथा कथित जाट बैल्ट में अपनी जड़ें जमानी हैं। जयंत जानते हैं कि खेल खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के लिये योगी ने बहुत कुछ किया है लेकिन वे आज ऐसे दबंग के रूप में खड़े हो गये हैं जो जातिगत ताकत के बल पर दूसरे किसान की हरी-भरी फसल को खुद काटना चाहता है। क्या उत्तर प्रदेश के लोग ऐसा करने देंगे? खेल के मैदान में झूठ का बोलबाला होगा या सच्चाई और काम जीतेगा, यह निर्णय तो जनता के हाथ में है।
गोविन्द वर्मा