देश में इन दिनों पुणे में हुए सड़क हादसे की चर्चा हो रही है। यहां एक तेज रफ्तार लग्जरी कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था, जो शराब के नशे में धुत था। इस मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि प्रभारी पीआई और एक अन्य अधिकारी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही शुरुआती जांच में चूक के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। वहीं, दूसरी ओर क्राइम ब्रांच की टीम जांच के लिए ड्राइवर के साथ किशोर आरोपी के घर पहुंची है।
ड्राइवर ने पहले दिया था यह बयान
पुणे सीपी अमितेश कुमार ने कहा, ‘जब ड्राइवर को पहली बार मौके से पुलिस स्टेशन लाया गया था, तो उसने लिखित में जो पहला बयान दिया था, वह यह था कि वही कार चला रहा था। हालांकि, पुलिस ने उस समय उसके बयान पर विश्वास नहीं किया। प्रारंभिक जांच के बाद किशोर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। क्योंकि यह प्रथम दृष्टया स्पष्ट था कि किशोर आरोपी वाहन चला रहा था।’
दो को किया निलंबित
उन्होंने कहा, ‘प्रभारी पीआई और एक अन्य अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। शुरुआती चरण की जांच में चूक के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। नियंत्रण कक्ष में वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देना और आरोपी को सीधे मेडिकल जांच के लिए नहीं ले जाना जैसी लापरवाहियों के लिए जांच शुरू की गई है।’
यह है मामला
पुणे शहर में 18-19 मई की दरम्यानी रात को करीब तीन करोड़ रुपये की पोर्श कार को तेज गति से दौड़ाने के चक्कर में 17 साल के लड़के ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। गाड़ी की टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अपना संतुलन खोकर काफी दूर तक सड़क पर घिसटते चली गई, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया।
इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी। कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी।