नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी की राज्य सभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा है कि ओल्ड राजेन्द्र नगर में 26 जुलाई को आईएएस की शिक्षा प्राप्त कर रही 2 लड़कियों व एक युवक की पानी में डूबने से मृत्यु होने के पहले भी दिल्ली सरकार के आशा किरण शेल्टर होम में जुलाई मास में 14 बच्चों की मौत हो चुकी थी।
स्वाति मालीवाल ने कहा कि इस सरकारी सुधार गृह में गन्दगी, लापरवाही व देखभाल के अभाव में 7 मास में 70 बच्चों की मौत हो चुकी है। जब में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थी तब मैंने बाल गृह के निरीक्षण में देखा कि बच्चों की स्थिति दयनीय थी। कई बच्चे बिस्तर में ही शौच कर रहे थे। गंदगी व बदबू के कारण वहां खड़ा होना मुश्किल था। शेल्टर होम में डॉक्टर की कमी थी. मनोचिकित्सक हफ्ते में सिर्फ एक बार आता था. मैंने स्ट्रांग रिपोर्ट दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. मैं इस मुद्दे को संसद में उठाउंगी.
काफी गंदे हैं शेल्टर होम- रेखा शर्मा
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस शेल्टर होम का इंस्पेक्शन करने के बाद कहा, “यहां का पानी खराब है, किचेन में आरओ नहीं लगा हुआ है. जिन 14 लोगों की मौतें हुई है उसमें 8 महिलाएं शामिल हैं. यहां के वाशरूम कम हैं और काफी गंदे हैं. इस शेल्टर होम में रहने वाले करीब 400 बच्चे इसी वाशरूम का इस्तेमाल करते हैं.”
उन्होंने बताया कि वाशरूम में टीबी के मरीज भी बाकी बच्चों के साथ जाते हैं. महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि वह इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को स्वतंत्र जांच के लिए पत्र लिखेंगी और अपनी रिपोर्ट भी देंगी.
आशा किरण होम के डाक्टर का बयान
आशा किरण होम के डाक्टर अशोक कुमार ने कहा कि यहां खराब पानी मिल रहा है, जिससे डायरिया हो रहा है. उन्होंने कहा, मैंने यहां फंगस वाला खाना भी देखा है, जिसे लेकर 21 जुलाई 2024 को प्रशासन को एक लेटर भी लिखा है. यहां की देख रेख करने वाले प्रशासन हफ्ते में दो बार ही इस शेल्टर होम में आते हैं. यहां खाने को पौष्टिक चीजें नहीं दी जाती हैं. कम से कम दूध और अंडा तो दिया ही जाना चाहिए, जो नहीं दिया जा रहा है. दवाई से खाने की समस्या तो दूर नहीं हो सकती है.
‘शेल्टर होम की हालात जेल से भी बदतर’
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने कहा कि आज शेल्टर होम की हालात जेल से भी बदतर है, जवाबदेही तय होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “ये सीधे-सीधे लापरवाही का मामला है. यहां की कुछ लड़कियां कुपोषण का शिकार हैं. 20 फीसदी बच्चियों को चर्म रोग है. गर्मी के कारण वहां कोई खड़ा नहीं हो पा रहा है. लड़कियां कह रही हैं कि डिहाइड्रेशन के कारण मौत हुई है.
मेरे हिसाब से तुरंत एफआईआर होनी चाहिए. इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो मंत्री एसी कमरों में बैठकर पीसी कर रहे हैं वो यहां क्यों नहीं आए हैं. स्वाति मालीवाल ने ठीक ही कहा था कि शेल्टर होम के अधिकारियों पर एफआईआर होनी चाहिए। जो मंत्री एसी कमरें में बैठकर पीसी कर रहे हैं वो यहां क्यों नहीं आए हैं ?
केजरीवाल की हल्ला ब्रिगेड दुनिया भर में दिल्ली मॉडल का शोर मचाती है लेकिन केजरीवाल और उसके लोग दिल्ली की असलियत को छिपाने में लगे रहते है। दिल्ली का मीडिया भी करोड़ों रुपये का विज्ञापन हजम कर चुप रहता है।
गोविन्द वर्मा