तमाम दावों के बीच पंजाब में पराली जलाने की मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। एक ही दिन में खेत में पराली जलाए जाने के मामले में दो गुना बढ़ोतरी हुई है। बुधवार को 3624 मामले रिकॉर्ड किए गए, जो अब तक के इस सीजन का सबसे अधिक आंकड़ा है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के मुताबिक मंगलवार को यह संख्या 1,842 था।
साथ ही, पिछले दो सालों 2020 और 2021 के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। साल 2020 में जहां इसी दिन दो नवंबर को पराली जलाने के 3590 मामले सामने आए थे जबकि 2021 में 3001 मामले थे। वहीं इस सीजन में अब तक के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 21480 हो गई है, जो साल 2021 के पराली जलाने के 17921 मामलों की तुलना में करीब 35 फीसदी ज्यादा है।
पराली जलाने के मामले सबसे ज्यादा संगरूर में सामने आ रहे हैं। बुधवार को भी सबसे अधिक पराली जलाने के 677 मामले संगरूर में दर्ज किए गए। सबसे कम गुरदासपुर में पराली जली। यहां केवल एक जगह पराली जली। 395 मामलों के साथ पटियाला दूसरे स्थान पर, 342 के साथ फिरोजपुर तीसरे और 317 मामलों के साथ बठिंडा चौथे नंबर पर है। वहीं विशेषज्ञ का कहना है कि 12-15 नवंबर के बीच इसमें कमी आ सकती है। 15 नवंबर से रबी की फसल की बुआई काम शुरू होगा।
किस दिन की कितनी जली पराली
- बुधवार 3624
- मंगलवार 1842
- सोमवार 2,131
- रविवार 1,761
- शनिवार 1,898
- शुक्रवार 2067
प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी 32 फीसदी
दिल्ली व एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बुधवार को बढ़कर 32 प्रतिशत हो गई, जो इस साल अब तक का सबसे अधिक है।
यह पीक पीरियड चल रहा है। रबी की फसल की बुआई का समय करीब है। किसानों के पास कोई विकल्प नहीं है, इसलिए वह धड़ल्ले से पराली को आग लगा रहे हैं। पूरी उम्मीद है कि 12-15 नवंबर के बीच पराली जलाने के मामलों में कमी आएगी। – प्रो. रविंद्रा खैवाल, पर्यावरण विशेषज्ञ पीजीआई।