बड़ौत (उत्तर प्रदेश)। नवरात्र के मौके पर देशभर में गरबा और रामलीला जैसे धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन हो रहे हैं। इसी क्रम में बड़ौत स्थित पंचमुखी मंदिर में रामलीला कार्यक्रम में शामिल हुईं साध्वी प्राची ने अपने बयानों से नया विवाद खड़ा कर दिया।
साध्वी ने आरोप लगाया कि गरबा कार्यक्रमों में अक्सर मुस्लिम युवक छेड़छाड़ जैसी घटनाओं में शामिल रहते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर गरबा इतना सुरक्षित और पवित्र है, तो मुस्लिम परिवार अपनी बेटियों को इसमें क्यों नहीं भेजते। साथ ही उन्होंने मांग की कि ऐसे आयोजनों में केवल आधार कार्ड दिखाकर ही प्रवेश दिया जाए, ताकि किसी संदिग्ध व्यक्ति की एंट्री न हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि नवरात्र के दौरान मीट की दुकानें बंद रहनी चाहिए। महाराष्ट्र के मंत्री भरत गोगावले के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए साध्वी ने तंज कसा कि हिंदू संस्कृति की शुरुआत मस्जिदों और दरगाहों से क्यों नहीं होती, और यह भी दावा किया कि हिंदू त्योहारों में घुसपैठ कोई नई बात नहीं है।
यही नहीं, साध्वी प्राची ने वोटिंग अधिकार को लेकर भी विवादित टिप्पणी की। उनका कहना था कि जो लोग ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं, उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं होना चाहिए। डेनमार्क का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां मुस्लिम समुदाय से वोटिंग का अधिकार छीन लिया गया है, और भारत को भी इस दिशा में सोचना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान साध्वी ने आजम खान को भी निशाने पर लिया और कहा कि अब उन्हें राजनीति से ज्यादा अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।