ज्योतिरादित्य सिंधिया को झटका, सहयोगी ने की मध्य प्रदेश में कांग्रेस में वापसी

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही महीनों का समय शेष रह गया है। मध्य प्रदेश चुनाव की तैयारी में कांग्रेस पार्टी और भाजपा दोनों ही जुटे हुए हैं। इन चुनाव के मध्य नजर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के लिए एक हम चेहरा होने वाले हैं। हालांकि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उनके लिए परेशानी काफी बढ़ गई है। इसके पीछे हम कारण बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के सहयोगी उनके साथ छोड़कर जा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ा झटका तब लगा जब उनके वफादार एक और प्रभावशाली नेता प्रमोद टंडन शनिवार को कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए। चुनाव से चंद पहले पार्टी बदलने वाले नेताओं की संख्या छह पर पहुंच गई है। बता दें कि प्रमोद टंडन भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य थे। कुछ समय पहले ही उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया। प्रमोद थे टंडन और भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ चुके दो अन्य स्थानीय नेता रामकिशोर शुक्ला और दिनेश मल्हार ने भी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है। इन नेताओं को इंदौर में शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पार्टी में विधिवत शामिल किया। 

जानकारों की मानें तो प्रमोद टंडन को ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके दिवंगत पिता माधवराव सिंधिया का बेहद वफादार समर्थक माना जाता रहा है। मगर भारतीय जनता पार्टी से मोह भंग होने के चलते उन्होंने सिंधिया का साथ छोड़ दिया है। बता दें कि वर्ष 2020 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थामा था तो प्रमोद टंडन भी उनके साथ भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया था।

बता दें कि भाजपा कार्यसमिति के सदस्य समंदर पटेल (52) के 18 अगस्त को भोपाल में सैकड़ों समर्थकों के साथ फिर से कांग्रेस में शामिल होने के बाद टंडन कांग्रेस में लौटने वाले सिंधिया के छठे वफादार हैं। पटेल ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि टंडन सिंधिया खेमे से कांग्रेस में दोबारा शामिल होने वाले छठे नेता हैं। पटेल से पहले, मध्य प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य बैजनाथ सिंह यादव अपने समर्थकों के साथ जुलाई में कांग्रेस पार्टी में फिर से शामिल हो गए थे। 

यादव 2020 से पहले कांग्रेस के शिवपुरी जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। पटेल ने कांग्रेस में लौटने के एक दिन बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भाजपा ने न तो मुझे और न ही मेरे समर्थकों को स्वीकार किया।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के नेताओं ने मुझे किसी भी समारोह में आमंत्रित नहीं किया, जबकि मैं भाजपा कार्य समिति का सदस्य था। इसके बजाय मेरे समर्थकों को झूठे मामलों में फंसाया गया और आर्थिक रूप से कमजोर किया गया।

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