लद्दाख में छठी अनुसूची और स्टैट्हुड की मांग को लेकर चार सितंबर को हुए प्रदर्शन के बाद एनएसए के तहत गिरफ्तार किए गए सोनम वांगचुक के खिलाफ लगाए गए पाकिस्तान लिंक और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने पूरी तरह खारिज किया है।
गीतांजलि ने कहा कि वांगचुक हमेशा गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण विरोध करते रहे हैं और 24 सितंबर को हिंसा सीआरपीएफ के कदमों के कारण भड़की। उन्होंने आरोपों को नकारते हुए बताया कि उनकी पाकिस्तान यात्रा पेशेवर और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी थी, न कि किसी संदिग्ध गतिविधि के लिए।
गीतांजलि ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि गिरफ्तारी के बाद उनसे संपर्क नहीं हो पाया है और उन्हें अभी तक गिरफ्तारी आदेश की प्रति भी नहीं मिली है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वांगचुक कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेते रहे हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन और पाकिस्तान में ‘Breathe Pakistan’ कार्यक्रम शामिल हैं।
उन्होंने वांगचुक पर हिंसा भड़काने और अपमानजनक भाषण देने के आरोपों को भी गलत बताया। गीतांजलि का कहना है कि उनके पति ने हमेशा शांति और अहिंसा का मार्ग अपनाया और स्थानीय विकास में लोगों की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि जो व्यक्ति भारतीय सेना के लिए शेल्टर बनाने और चीनी सामान के बहिष्कार की बात करता है, उसे कैसे देशद्रोही ठहराया जा सकता है।
वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर गीतांजलि ने कहा कि हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ़ अल्टरनेटिव लर्निंग द्वारा विदेश से प्राप्त फंडिंग दान नहीं बल्कि तकनीकी सेवाओं के लिए भुगतान थी। संस्था छात्रों से कोई फीस नहीं लेती और संचालन खर्च नवाचारों से जुटाए जाते हैं।
गीतांजलि ने स्पष्ट किया कि वांगचुक विकास के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि वे ‘माइंडफुल डेवलपमेंट’ के जरिए स्थानीय लोगों को निर्णय प्रक्रिया में शामिल करने की पैरवी करते हैं। चार सितंबर की हिंसा के बाद सरकार ने वांगचुक के द्वारा स्थापित एसईसीएमओएल का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया था, जिसके बाद वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे।