दक्षिण कोरिया में महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक येओल को गिरफ्तार कर लिया है। दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने 3 दिसंबर को मार्शल लॉ के एलान से जुड़े मामलों में कार्रवाई की है। इससे पहले सुबह-सुबह 3,000 से अधिक पुलिस अधिकारी और भ्रष्टाचार विरोधी जांचकर्ता येओल के आवास के पास इकट्ठा हुए। इस दौरान येओल के समर्थक और सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के सदस्य सुरक्षाबलों से भिड़ते देखे गए। दोनों के बीच जमकर भिड़ंत हुई। कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया। हालांकि, इस हाईवोल्टेज ड्रामा के बीच दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने यून सुक येओल को गिरफ्तार कर लिया।

इससे पहले यून के वकीलों ने दलील दी कि यून को हिरासत में लेने की कोशिश अवैध है। उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के लिए पूरा षडयंत्र रचा जा रहा है। दरअसल, यून की गिरफ्तारी के लिए जांचकर्ताओं को मिलर वारंट किसी मौजूदा दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के खिलाफ जारी किया गया पहला वारंट है।
यून की ओर से 3 दिसंबर को मार्शल लॉ के एलान ने दक्षिण कोरियाई लोगों को सकते में डाल दिया था। इसके बाद एशिया के सबसे जीवंत लोकतंत्रों में से एक देश ने अचानक से अभूतपूर्व राजनीतिक उथल-पुथल का दौर देखा। इसके बाद 14 दिसंबर को सांसदों ने उन पर महाभियोग चलाने और उन्हें पद से हटाने के लिए मतदान किया। अब संवैधानिक न्यायालय उस महाभियोग को बरकरार रखने और उन्हें पद से स्थायी रूप से हटाने पर विचार-विमर्श कर रहा है।