मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मुंबई में एक विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने कहा है कि गवाहों के बयानों के आधार पर प्रथम दृष्टया मलिक की मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्तता नजर आती है।
विशेष न्यायाधीष आरएन रोकड़े ने अपने फैसले में मलिक को भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजते हुए यह टिप्पणी की थी। यह आदेश मंगलवार को उपलब्ध कराया गया। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।
62 वर्षीय मलिक को ईडी ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी की ओर से मलिक की रिमांड न मांगे जाने पर उसे सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। हालांकि, ईडी ने कहा कि मलिक जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया गवाहों के बयान मनी लॉन्ड्रिंग में आरोपी की संलिप्तता को दर्शाते हैं।
विशेष अदालत ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि आरोपी ने पहले के रिमांड आदेशों के साथ-साथ अपनी गिरफ्तारी को भी बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी है। रिमांड रिपोर्ट के आधारों देखते हुए आरोपी को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा जाना आवश्यक है। ईडी ने मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग में अहम भूमिका निभाने का आरोप लगाया है।