06 अक्टूबर: विपक्षी नेताओं का एकमात्र उद्देश्य सनातन संस्कृति का विरोध और भारत नाम के प्रति घृणा तथा द्वेष फैलाना है। भारत, भारतवन्दना, भारतमाता से जुड़े नारों व इन नामों से सबद्ध कार्यों से उन्हें परहेज है। खुद को देश का पहला नागरिक बताते हैं, देश का मालिक बताते हैं लेकिन आचरण और व्यावहार देशद्रोही का करते हैं।
भारत में रह कर भारत नाम से गद्दारी, घृणा करने का ताजा उदाहरण ‘वंदे भारत’ ट्रेनों पर देशभर में किये जा रहे सिलसिलेवार पत्थरबाजी का है। भारत के विभिन्न स्थानों पर गद्दारों देशद्रोहियों ने अब तक वंदे भारत ट्रेनों पर 100 से ज्यादा बार हमले किये हैं।
इतना ही नहीं, इसी २ अक्टूबर को, जब देश दो महान नेताओं-गांधी जी व शास्त्री जी की जयन्ती मना रहा था, गद्दारों ने जयपुर-उदयपुर के बीच चलने वाली वन्दे भारत ट्रेन को उलट कर सैकड़ों ट्रेन यात्रियों की सामूहिक हत्या का षडयंत्र रचा। ट्रेन चालक ने दूर से देखा कि पटरी पर लोहे के गाटर तथा पत्थरों के ढेर लगे हुए हैं। उसने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगा के ट्रेन को पहले ही रोक लिया और सैकड़ो यात्रियों की जान बचा ली।
यह भी उल्लेखनीय है कि जब राजस्थान की पहली वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने २४ सितम्बर को रवाना किया था, तब दूसरे दिन यानी २५ सितम्बर को गद्दारों ने भीलवाड़ा के समीप उदयपुर-जयपुर वंदे भारत ट्रेन पर पथराव किया था। जयपुर-उदयपुर इंटरसिटी ट्रेन पर राणा प्रताप रेलवे स्टेशन के समीप 10 दिनों के भीतर 3 बार पथराव हुआ!
वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत 2019 में हुई। इसका उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में यात्री सुविधाओं का विस्तार करना और विकास को गति देना है किन्तु गद्दारों ने रेलवे यार्ड में खड़ी ट्रेन पर ही पथराव कर दिया।
वन्दे भारत ट्रेनों पर पूरे देश में देशद्रोही योजनाबद्ध तरीके से तोड़फोड़ व पथराव करने में जुटे हैं। कुछ उदाहरण हैं-17 जुलाई 2023 को भोपाल-दिल्ली वंदे भारत ट्रेन के कोच में आग लगा दी गई। 8 मई 2023 को केरल के कासरगोड-तिरुवनन्तपुरम् वन्दे भारत ट्रेन पर पथराव हुआ। 15 दिनों के भीतर ट्रेन पर दो बार हमला किया गया । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 अप्रैल 2023 को ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। 19 अक्टूबर 2023 को विशाखापटनम-सिकन्दराबाद वन्दे भारत ट्रेन पर पथराव हुआ। 21 जनवरी 2023 को पश्चिमी बंगाल के पालकोटा रेलवे स्टेशन के समीप वंदे भारत ट्रेन पर पथराव। 20 जनवरी 2023 को हावड़ा- न्यू सिलीगुड़ी ट्रेन पर हमला। 22 मार्च 2023 को दिल्ली-वाराणसी वन्दे भारत ट्रेन पर पथराव। इस ट्रेन पर देशद्रोही गुंडों ने एक मास के भीतर 12 बार पथराव किया। कानपुर-फतहपुर के बीच अनेक डिब्बों के शीशे तोड़े गए। इटावा-फतहपुर के बीच भी वंदे भारत ट्रेन पर अनेक बार हमले हुए। 11 मार्च को दिल्ली के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन पर पथराव हुआ।
भारत विरोधी गद्दार, चूहों की भांति देश के कोने-कोने में छिपे हैं। एक ओर वे सुदूर केरल और पश्चिमी बंगाल में हमलावर होते हैं, तो 19 जून 2023 को देहरादून-आनंदविहार वन्दे भारत ट्रेन पर मुजफ्फरनगर के संधावली ग्राम के समीप पथराव करते हैं। गद्दारी की ट्रेनिंग और तोड़फोड़ का इशारा इन्हें कौन देता है ? इनके पास कौन सा बेतार का तार है जो पल भर में इन गद्दारों को सक्रिय कर देता है ? बात वन्दे भारत ट्रेनों पर पथराव तक ही सीमित नहीं है। हर नकारात्मक कार्य, तोड़फोड़, पथराव व आगजनी के लिए ये गद्दार पलक झपकते ही क्यों और कैसे सक्रिय हो जाते हैं ? यह एक ज्ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्या है।
गोविन्द वर्मा