लुधियाना कोर्ट परिसर में बम धमाका मामले में जहां देश की सभी एजेंसियां जांच में जुटी हैं और मामले में सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से इसके तार जुड़ने का दावा किया जा रहा है। वहीं एसएफजे सीधे केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए और पंजाब पुलिस को धमकी दे रहा है। इस बार धमकी किसी और कारण नहीं बल्कि बम ब्लास्ट मामले में जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए सुखविंदर सिंह बाक्सर और रंजीत बाबा उर्फ चीता को लेकर दी गई है।
मैसेज में लिखा है कि अगर दोनों को रिमांड के दौरान हाथ लगाया गया या फिर किसी तरह का कोई नुकसान पहुंचाया गया तो अंजाम बुरे भुगतने पड़ेंगे। ये धमकी भरे मैसेज विदेश से आए हैं। सूत्र बताते हैं कि मैसेज के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। जिस नंबर से यह मैसेज आया है, एजेंसियों ने उसकी जांच शुरू कर दी है।
दावा किया गया था कि बम ब्लास्ट कांड का मास्टरमाइंड जसविंदर सिंह मुल्तानी है और भारत सरकार के आग्रह पर उसे जर्मनी में गिरफ्तार कर लिया गया है। एक दिन यह खबर आती है और दूसरे दिन सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू एक वीडियो वायरल करता है कि जसविंदर मुल्तानी अपने घर मौजूद है।
इसमें दावा किया गया कि जर्मनी की जांच एजेंसियों ने उसे पूछताछ कर छोड़ दिया है। उससे अगले दिन सिख फॉर जस्टिस ने एक मैसेज भेजा, जिसमें लिखा है कि लुधियाना ब्लास्ट में सुखविंदर सिंह बाक्सर और रंजीत बाबा उर्फ चीता जो इस समय बम ब्लास्ट कांड में प्रोडक्शन वारंट पर चल रहे हैं, को भारतीय जांच एजेंसियां और पंजाब पुलिस जबरदस्ती इस मामले में फंसा रही हैं।
दोनों को अगर रिमांड के दौरान नुकसान पहुंचाया तो अंजाम बुरा होगा। इसके अलावा एसएफजे ने यह कहा है कि इस केस को वह मानवाधिकार में उठाएंगे और एनआईए के साथ-साथ पंजाब पुलिस की मदद भारत सरकार भी नहीं कर पाएगी। एसएफजे ने आरोप लगाया कि इस बम कांड में एसएफजे का हाथ होने की बात गलत तरीके से मनवाई जा रही है।