कल हमने लिखा था कि आसुरी शक्तियां सृष्टि के आरम्भ से ही गतिमान रहती हैं। दुराग्रही शक्तियां तो भगवान राम के काल में भी सक्रिय थीं, आज भी हैं। उधर अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर में प्रवेश हुआ, आसुरी शक्तियां फिर सक्रिय हो उठीं। लगता है बाबर की औलादें (जिनमे कुछ कथित हिन्दू भी शामिल हैं) बिलों में से बाहर निकल आईं। समाचार है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से बौखलाए बिहार के अररिया जिला के ग्राम बलवा कलियांगंज निवासी इन्तेख़ान आलम ने अयोध्या के राम मंदिर को बम से उड़ाने को धमकी दे दी। यह अब जेल में है। बिहार के दरभंगा में भी राम व राष्ट्र विरोधियों ने शोभा यात्रा पर हमला किया।
राहुल गाँधी के इंडिया गठबंधन में शामिल डीएमके के नेता एमके स्टालिन की सरकार ने प्राण-प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण देखने पर तथा मंदिरों में पूजा-अर्चना व अन्न-प्रसाद के वितरण पर प्रतिबन्ध लगा दिया। कांचीपुरम के जिस मंदिर में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अनेक राम भक्तों के साथ सीधा प्रसारण देखने को उपस्थित थीं, उस मंदिर में स्टालिन की पुलिस घुस गई और मंदिर में लगी एलईडी उठा लाई। तमिलनाडु में 200 मंदिरों पर सरकार का कब्ज़ा है और पुजारियों का वेतन सरकार ही देती है। स्टालिन की सरकार ने सभी सरकारी पुजारियों को सीधा प्रसारण न दिखाने को हिदायत दी थी। राज्यपाल आरएन रवि ने इसकी पुष्टि की है।
इस बीच चेन्नई के निवासी विनोज की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना व जस्टिस दीपांकर दत्ता ने तमिलनाडु सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता अमित आनंद तिवारी को फटकार लगाते हुए कहा कि पूजा, आराधना, शोभा यात्रा निकालने पर प्रतिबन्ध नहीं लगाया जा सकता। यह कहना संविधान विरोधी है कि मंदिरों के पास अल्पसंख्यक (मुसलमान) रहते हैं, अतः वहां कोई अनुष्ठान नहीं हो सकता। शीर्ष न्यायलय ने कहा- देश के कई स्थानों पर हिन्दू भी अल्पसंख्यक हैं, ऐसे तो कहीं भी पूजा-इबादत और धार्मिक अनुष्ठान नहीं हो सकेंगे।
पश्चिमी बंगाल की राजधानी कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शोभा यात्राओं को विफल करने के लिए ‘सर्वधर्म’ यात्रा निकाली। महाराष्ट्र में मुंबई के समीप मीरा रोड इलाके में मुस्लिमों ने एकत्र होकर श्रीराम शोभा यात्रा में शामिल स्त्री-पुरुषों पर पत्थर व हथियारों से हमला बोल दिया। मुस्लिमों के आक्रमण से चार युवक और एक युवती घायल हो गई। इसी प्रकार गुजरात के बड़ोदा शहर में मुस्लिमों ने श्रीराम की शोभा यात्रा पर पथराव कर दिया। बिहार के जमुई जिले के संगथू ग्राम में प्राण-प्रतिष्ठा यात्रा पर पथराव किया गया। संभव है और भी स्थानों पर राम तथा भारत की संस्कृति-सभ्यता से शत्रुता रखने वाले सामने आये हो।
ये लोग यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि 1527 ईस्वी में मीर बकी ने राम मंदिर बचाने को आये 1 लाख 74 हजार रामभक्तों की हत्या करके ठीक ही किया था। लेकिन यह 2024 है। तबकी धक्काशाही क्या अब चल पायेगी ? शायद नहीं। इसी से यह बौखलाहट है। वे दुर्गा पूजा, हनुमान जयंती तथा अन्य धार्मिक आयोजनों के समय अपना राक्षशी चेहरा दिखा चुके हैं। इन आसुरी शक्तियों के दमन की कथाएं भी शास्त्रों में हैं। देश आसुरी शक्तियों के मान-मर्दन को तैयार है।
गोविन्द वर्मा