जी-20 की कामयाबी और इनकी झुंझलाहट !

11 सितंबर, 2023। दिल्ली में 9-10 सितंबर को 100 प्रतिशत सहमति के साथ जी-20 का अधिवेशन संपन्न हो गया। स्वदेश लौटे राष्ट्राध्यक्षों, राज्या- ध्यक्षो ने जी-20 के दिल्ली घोषणा पत्र को ऐतिहासिक बताया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। बताया गया कि भारत के 60 शहरों में जी-20 की 200 घंटों तक 300 बैठकें चलीं। रूस व चीन के रवैये तथा यूक्रेन युद्ध के परिपेक्ष्य में सभी देशों की आम सहमति बनना जटिल व पेचीदा मसला था, जो नरेन्द्र मोदी के कूटनीतिक कौशल से सुलझ गया।

10 सितम्बर को भारत मंडपम स्थित अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सेंटर पहुँच कर नरेन्द्र मोदी ने सभी मीडिया कर्मियों, अधिकारियों, दस्तकारों कलाकारों का आभार जताया और उनके योगदान की प्रशंसा की।

दिल्ली जी-20 सम्मेलन के चलते तीन और घटनायें हुई, जिनका मीडिया में खूब प्रचार हुआ।

1- जब मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को 21वां सदस्य बनाने और चीन के मुकाबले भारत – पश्चिम एशिया – यूरोपियन गलियारे बनाने में 8 देशों की सहमति की घोषणा की तब लंदन में राहुल गांधी चीन का महिमामंडन करते दिखाई दिए। पेरिस में यह कहते दिखाई पड़े कि नरेन्द्र मोदी ने हिन्दुओं के लिए कुछ नहीं किया, सिवाय अल्पसंख्यकों का गला घोटने और लोकतंत्र का दमन करने के।

10 सितम्बर को टी.वी. चैनलों ने प्रियंका गांधी को राजस्थान के टोंक शहर में बोलते हुए दिखाया। अपने भाई की तरह वे भी नरेन्द्र मोदी को कोस रही थीं। मीडिया ने इसी दिन राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गंगापुर क्षेत्र में एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म होने तथा पीड़िता के निर्वस्त्र पड़े होने की खबर भी दी। लेकिन प्रियंका ने इसका उल्लेख नहीं किया क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस का शासन है। प्रियंका ने मोदी को उद्योगपतियों का दोस्त बताते हुए कहा- मैंने देखा कि जहाँ जी-20 सम्मेलन हो रहा है, वहां बारिश का पानी फैल गया है। मेरे मन में आया कि शायद जो हमारे देशवासी डर के मारे नहीं कह पा रहे हैं, भगवान ने कह दिया कि अपना अहंकार कम करो, इस देश ने तुम्हें बनाया है, इस देश को आगे रखो….।

भाई पेरिस में हिन्दुत्व का ज्ञाता बताता है। गीता, उपनिषद् और हिंदू ग्रंथो का पारायाणकर्ता कहता है, बारिश होने को किस का अहंकार तोड़ने की बात कहती है। जब चूरू में भाषण जारी था, तब प्रियंका की बॉडी लैंगुवेज क्या थी? अहंकार, झुंझलाहट, क्रोध, भीतर छिपा भय, सभी कुछ चेहरे पर था, सिवाय सौम्यता व भद्रता के। टी.वी. पर करोड़ों लोगों ने चेहरे की इस बीभत्सता को देखा है। क्या ये भाई-बहन इस तरह कांग्रेस का हित साध रहे हैं।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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