मुर्शिदाबाद का तांडव !

कोलकाता: बांग्लादेश से सटे मुस्लिम बहुल जिले मुर्शिदाबाद में मुसलमानों की जुनूनी भीड़ पूरे जिले में लाठी, बल्लम, तलवारों से लैस हो कर हिन्दुओं पर उसी प्रकार टूट पड़े हैं जैसे शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद बांग्लादेश में हुआ या सुहरावर्दी के डायरेक्ट एक्शन के आह्वान पर सन् 1946 में कलकत्ता में हुआ जहां 30 हजार हिन्दु‌ओं को चिह्नित कर रातो रात कत्ल कर दिया गया था और हिन्दुओं के मकानों, दुकानों को फूंक दिया गया था।

जंगीपुर, सूती, शमशेरगंज, जाफराबाद और जिला मुख्यालय मुर्शिदाबाद में मुस्लिम हमलावरों की भीड़ हाथों में तलवारें, बंदूकें और पेट्रोल जैसे-ज्वलनशील पदार्थों के पीपे लिए हुवे हिन्दुओं और उनकी संपतियों को निशाना बना कर बेखौफ तांडव मचा रहे हैं।

मुस्लिम तुष्टीकरण में डूबी ममता बनर्जी और उसकी पुलिस ने मुस्लिम हमलावरों, उपद्रवियों को खुली छूट दे दी है इसका कुपरिणाम यह निकला कि दंगाई मुसलमान पुलिस पर भी हमले करने लगे हैं।

पिछ‌ले विधानसभा चुनावों के बाद मम‌ता की तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री के इशारे पर 300 से ज्यादा हिन्दुओं की हत्यायें की गई। हिन्दुओं के हजारों घर व दुकानें फूकी गईं। हिन्दुओं की हत्या के बाद ‌उनके शव तालाबों में तैरते मिले, पेड़ों पर टंगे मिले। मुस्लिम उत्पीड़न से आहत 5,000 से अधिक हिन्दू परिवारों को पश्चिमी बंगाल से पलायन कर असम तथा अन्य सीमावर्ती राज्यों में शरण लेनी पड़ी। भाजपा के 8 कार्यालय और झंडे फूंक डाले गए थे। तत्कालीन सांसद और अब दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा ने एक पोस्ट डाली थी और वीडियो में हिन्दू महिला की चोटी पकड़ कर गुण्डे उसे पीट रहे थे। दो पुलिसकर्मी खड़े हुए यह बीभत्स्य कांड देख रहे थे। महिला कह रही थी मेरे मुंह में जबरदस्ती गोमांस ठूसा गया।

वक्फ कानून तो एक बहाना है। ओवैसी, देवबंदी, बरेलवी मौलाना कैसा हिन्दुस्तान चाहते हैं, उसकी झलक मुर्शिदाबाद में दिखा दी गई है। हाई कोर्ट ने भले ही केन्द्रीय बलों की तैनाती करा दी हो किन्तु स्थिति बड़ी विस्फोटक है। अकेले पश्चिमी बंगाल की बात नहीं, पूरे हिन्दुस्तान में चिंगारी सुलग रही है। राहुल गांधी लंद‌न में कह चुके हैं कि मिट्टी का तेल छिड़क दिया गया है। कहां आग भड़क जाये, कहा नहीं जा सकता।

छपते-छपते: पश्चिमी बंगाल में हिन्दुओं पर मुस्लिमों की भीड़ का तांडव जारी है। केन्द्रीय सुरक्षा बलों के मुर्शिदाबाद व अन्य स्थानों पर तैनात होने के बाद मीडियाकर्मियों ने आगजनी, लूटपाट के जो दृश्य और हजारों हिन्दू‌ परिवारों के रोते-बिलखते, द‌हशतजदा चेहरे वीडियो के माध्यम से दुनिया के सामने रखे हैं। टाइम्स नाउ की महिला रिपोर्टर ने कैमरामैन की सहायता से लूटे व फूंके हुए हिन्दू के घर का कोना-कोना दिखाया है एक न्यूज चैनल ने उस महिला का करूण कुन्दन दिखाया जिसकी गोद में महज पांच दिन का बच्चा बिलख रहा है। इंडिया टी.वी ने दिखाया कि कैसे तलवारें व बंदूकें लिए हुई हजारों मुसलमानों की भीड़ लूटमार आगजनी कर रही है। नमाज के बाद हिन्दुओं की दुकानों व मकानों में आग लगाने के दृश्य भी दिखाये गए। एक मकान में सब कुछ लूटा, जलाया गया, सिर्फ दो गाय खूंटे से बंधी दिखी जो दानापानी के लिए ईमा रही थीं।

आज इस सवाल का जवाब चाहिए कि यदि वक्फ को लेकर केन्द्र ने या संसद ने गलती (?) की है तो मुस्लिमों ने हिन्दुओं को निशाना क्यों बनाया? क्या ममता गजवा-ए-हिंद की लड़ाई पश्चिमी बंगाल से आरम्भ करायेंगी। इसका जवाब ममता को नहीं दिल्ली के सत्ताधीशों और संविधान की ठेकेदार सुप्रीम कोर्ट को देना है।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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