हिमाचल प्रदेश में दो दिन तक मूसलाधार बारिश और तबाही के बाद बुधवार को मौसम साफ हो गया, मगर मुश्किलें कम नहीं हुईं। बिलासपुर जिले की ग्राम पंचायत मंझेड़ में एक मकान ढह गया, जबकि धौलरा सेक्टर में शौचालय गिरने से आसपास के घर खतरे में आ गए हैं। राज्य में भूस्खलन और बाढ़ से सैकड़ों सड़कें बंद हैं, वहीं कई इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई अब भी ठप है।
कुल्लू-मनाली का संपर्क टूटा
लगातार बारिश से कुल्लू-मनाली हाईवे सात से आठ जगहों पर ब्यास नदी में बह गया। इससे मनाली और लाहौल घाटी का जिला मुख्यालय कुल्लू से संपर्क कट गया है। वामतट सड़क भी बंद होने से लोगों को कामकाज के लिए पैदल सफर करना पड़ रहा है।
ब्यास नदी का रौद्र रूप, कई मकान और दुकानें बही
मंगलवार को ब्यास नदी के उफान ने मनाली से लेकर कुल्लू और मंडी तक भारी तबाही मचाई। मनाली के बांहग में दो रेस्तरां, तीन दुकानें, एक घर और तीन खोखे बह गए। नदी में एक कार, ट्रक और पिकअप भी समा गए। रामशिला में तीन मकान और ओल्ड मनाली में सात खोखे बह गए। क्लब हाउस को नुकसान पहुंचा है, जबकि मनालसू नाला पर बना पुल और सेऊबाग का पैदल पुल ढह गए। समाहन क्षेत्र में सड़क धंसने से मनाली-लेह मार्ग भी ठप हो गया। हाईवे का रायसन, बिंदू ढांक, आलू ग्राउंड और 17 मील के पास करीब 700 मीटर हिस्सा ब्यास में बह गया। रायसन स्थित शिरढ़ रिजॉर्ट खतरे में है, वहीं बढ़ीधार में दो मंजिला मकान जमींदोज हो गया। पतलीकूहल में नग्गर को जोड़ने वाली सड़क भी बह गई है।
सोलन में गिरी retaining wall, घरों को खतरा
सोलन शहर के वार्ड-12 में बारिश के दौरान डंगा गिरने से आसपास के घरों के लिए खतरा पैदा हो गया है। इसके ऊपर बसे मकान में लोग रहते हैं और बगल में निर्माणाधीन भवन भी जोखिम में है। अगर बारिश का दौर जारी रहा तो घरों को भी नुकसान हो सकता है।
मौसम विभाग का अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, राज्य में 2 सितंबर तक बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है। 29 से 31 अगस्त तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट और 27-28 अगस्त तथा 1-2 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। बीती रात चंबा में 51 मिमी, धर्मशाला में 40.4 मिमी, जोत में 38 मिमी, नयना देवी में 26.8 मिमी, पालमपुर में 22.4 मिमी, कांगड़ा में 21.6 मिमी और बिलासपुर में 20.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
अब तक 306 की मौत, हजारों ढांचे क्षतिग्रस्त
प्रदेश में 20 जून से 25 अगस्त तक मानसून सीजन में 306 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 367 घायल हुए और 38 अब भी लापता हैं। सड़क हादसों में 150 लोगों की मौत हुई है। भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने से 3,656 मकान-दुकानें और 2,819 गोशालाएं तबाह हो गईं। 1,843 मवेशियों की मौत हुई और संपत्ति का नुकसान 2,394 करोड़ रुपये आंका गया है।