हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम उन सभी महान आत्माओं को नमन करें जिन्होंने देश की आजादी, राष्ट्र की सुरक्षा, देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने में, राष्ट्र एवं जन सामान्य की सेवा में किसी भी रूप में अपना योगदान किया है। राष्ट्रसेवा एवं जनसेवा के रास्ते एवं तरीके पृथक-पृथक हो सकते हैं, राजनीतिक विचारों में मत भिन्नता हो सकती हैं किंतु जिन लोगों ने राष्ट्रभक्ति भारतीय संस्कृति का भाव अनुराग रहा है, उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापन हमारा कर्तव्य है।
आज हम स्वतंत्रता सेनानी जो मात्र 16 की आयु में ही ब्रिटिश शासन की मुखालफत करने में जेल गए और देश की आजादी के पश्चात जनप्रतिनिधि के रूप में आजीवन जनसेवा में तत्पर रहे, कांग्रेस के उन मुर्घन्य नेता पं. कमलापति त्रिपाठी को श्रद्धा के साथ स्मरण करते हैं।
3 सितंबर, 1905 में वाराणसी में जन्मे पं. कमलापति त्रिपाठी ने अपना करियर “दैनिक संसार” के पत्रकार के रूप में आरंभ किया। “देहात” के संस्थापक संपादक स्व. राज रूप सिंह वर्मा से उनका प्रगाढ़ संबंध पत्रकार के रूप में ही बना, तथापि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्र में रेल मंत्री तथा पार्टी के संगठनात्मक पदों पर रहते हुए भी “देहात” एवं “देहात” परिवार के प्रति उनका आत्मीयता सदैव बनी रही।
पंडित जी का मुजफ्फरनगर में स्व. वीरेंद्र वर्मा (पूर्व राज्यपाल) एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री सोमांश प्रकाश से आत्मीय संबंध थे। शिक्षा ऋषि स्वामी कल्याण देव महाराज का पंडित जी के दर्शन करने नई मंडी बावरी निवास एवं सुखदेव आश्रम शुक्रताल भी कई बार आये थे।
मुझे पिताश्री के संग पंडित जी के कार्यक्रमों में सम्मिलित होने का भी सौभाग्य मिला। तब मैं किशोर आवस्था में प्रवेश कर रहा था। शुक्रताल जाते हुए पंडित जी ने निकटवर्ती ग्राम इलाबास में जल आपूर्ति के एक नल का उद्घाटन किया था। अब तो उसका नामोनिशान भी नहीं है।
मुझे संस्मरण है कि 1962 के चीनी आक्रमण के बाद त्रिपाठी मुजफ्फरनगर आए थे तब टाउन हॉल की जनसभा में उन्होंने चेतावनी दी थी वह आज अक्षरश: सत्य सिद्ध हो रही है। पंडित जी ने कहा था कि जिस प्रकार गली का गुंडा चुपचाप रहने पर भले लोगों को परेशान करने लगता है, ऐसे ही चीन अंतरराष्ट्रीय गुंडा है। यदि अंतरराष्ट्रीय समाज ने मिलकर इस गुंडे का इलाज नहीं करता तो यह एक दिन दुनिया पर भारी पड़ेगा। उनकी भविष्यवाणी आज सच साबित हो रही है।
पं. कमलापति त्रिपाठी ने शाहदरा-सहारनपुर लाइट रेलवे को बड़ी लाइन में तब्दील करने, मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नहरी एवं नलकूप सिंचाई व्यवस्था के विस्तार, विद्युतीकरण तथा अधिकाधिक शिक्षण संस्थान खोलने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया। हमें अफसोस रहेगा कि ऐसे समर्पित निष्ठावान नेता को नेहरू-गांधी परिवार ने जीवन के संध्याकाल में पं. कमलापति त्रिपाठी की उपेक्षा, अवहेलना, अनादर किया। जनसेवा को आजीवन प्रतिबद्ध रहे इस महान् नेता को उनकी जयंती पर आदर से स्मरण करते हैं।
गोविंद वर्मा
संपादक देहात