भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं सिरसा लोकसभा संयोजक एडवोकेट प्रवीण जोड़ा ने अपने वकील मोहित बिश्नोई के मार्फत फतेहाबाद अदालत में याचिका दाखिल की है। जिसमें उन्होंने मांग की है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला के बयानों से हुई उनकी सामाजिक, राजनीतिक एवं व्यवसायिक क्षति का आकलन कर उनके हक में डिक्री पारित की जाए। सिविल जज निधि बेनीवाल ने रणदीप सुरजेवाला को 17 नवंबर को अदालत में पेश होकर अपना जवाब देने को कहा है।
रणदीप सुरजेवाला का यह आरोप झूठा
उल्लेखनीय है की कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कैथल में जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के समर्थकों एवं उन्हें वोट देने वाले सभी लोगों को राक्षस एवं राक्षस प्रवृत्ति का कहा था। प्रवीण जोड़ा ने अपनी याचिका में कहा कि रणदीप सुरजेवाला का यह आरोप झूठा, निराधार, अपमानजनक एवं दुर्भावनापूर्ण है। याचिकाकर्ता 1985 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हुआ है तथा पार्टी में मंडल पालक, पन्ना प्रमुख, लोकसभा संयोजक एवं प्रदेश कार्यकारिणी आदि विभिन्न पदों पर भी है।
वादी की कोशिशों से बहुत सारे लोग पार्टी से जुड़े हैं। प्रतिवादी सुरजेवाला ने सार्वजनिक रूप से जानबूझकर भाजपा समर्थकों एवं भाजपा को वोट देने वाली देश की जनता के साथ वादी की छवि खराब करने एवं जनता में बदनाम करने का काम किया है। प्रवीण जोड़ा ने आरोप लगाया कि प्रतिवादी ने जानबूझकर वादी एवं भाजपा समर्थकों के संबंध में झूठा एवं आधारहीन भाषण दिया ताकि आम जनता के मन में यह धारणा डाली जा सके कि भाजपा राक्षसों से भरी हुई है एवं वादी भी राक्षस प्रवृत्ति का आदमी है।
14 अगस्त के विभाजन विभीषिका दिवस कार्यक्रम का भी दिया हवाला
प्रवीण जोड़ा ने अपनी याचिका में कहा कि जब उसने लोगों को 14 अगस्त के विभाजन विभीषिका दिवस के कार्यक्रम में लोगों को आने को कहा तो लोग अनअपेक्षित व्यवहार करने लगे। इस संबंध में जानकारी पता करनी चाही तो उन लोगों ने बताया कि तुम और सभी भाजपा समर्थक राक्षस हो, और ऐसा उन्हें उच्चशिक्षित एडवोकेट और बड़े कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने खुलेआम कहकर बताया है।
प्रवीण जोड़ा ने याचिका में कहा कि उसकी क्षेत्र में न केवल समर्पित भाजपा समर्थक की अपितु एक प्रसिद्ध वकील एवं समाजसेवी की छवि है। वादी के प्रयासों एवं मेहनत से क्षेत्र के लोग उसे भारतीय जनता पार्टी का चेहरा मानते हैं। प्रतिवादी के मानहानिकारक एवं अपमानजनक कथन के कारण वादी की वर्षों से बनाई हुई छवि पूरे इलाके में खराब हुई है। प्रवीण जोड़ा ने अदालत से मांग की कि रणदीप सुरजेवाला के आरोप को झूठा, निराधार एवं अपमानजनक घोषित किया जाए तथा भविष्य में उसे ऐसा बयान देने से रोका जाए।