हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को मौसम तो साफ रहा, लेकिन हालात अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं। राज्य में भूस्खलन के चलते एक नेशनल हाईवे सहित 346 सड़कें बंद हैं। बिजली और जल आपूर्ति भी प्रभावित हैं, 327 ट्रांसफार्मर और 130 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 178 सड़कें बंद हैं। वहीं, ग्राम पंचायत थनाकलां के पनेड गांव में करतार चंद के मकान के पास भूस्खलन हुआ, जिससे घर खतरे में आ गया है।
पौंग बांध से 67,797 क्यूसेक पानी छोड़ा गया
बीबीएमबी प्रशासन के अनुसार गुरुवार सुबह 9 बजे बांध का जलस्तर 1384.44 फीट दर्ज किया गया। बांध में 6 मशीनें चालू थीं। बांध में कुल 81,975 क्यूसेक पानी की आवक और 67,797 क्यूसेक निकासी हुई, जिसमें 17,407 क्यूसेक टरबाइन और 50,390 क्यूसेक स्पिलवे से छोड़ा गया। मौसम साफ होने के बावजूद ब्यास नदी का बहाव तेज है। एमएचसी पर 11,500 क्यूसेक और 52 गेटों से 56,072 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से नदी के पास न जाने की अपील की है।
भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 27 अगस्त तक राज्य के कई हिस्सों में बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है। 23 से 26 अगस्त तक भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट और 22 व 27 अगस्त के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर में अलग-अलग दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। बीती रात ऊना में 132.6, नंगल डैम 101.2, श्री नयना देवी 54.6, सुजानपुर टिहरा 53.0, ओलिंडा 44.0, अंब 42.0, नादौन 41.5, रायपुर मियादान 30.2, बीबीएमबी 28.4, ब्राह्मणी 22.4, मालरांव 20.0, नेरी 19.0 और रोहड़ू में 17.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई।
मानसून में अब तक 280 की मौत, 3,176 घर-दुकानों को नुकसान
20 जून से 20 अगस्त तक मानसून में प्रदेश में 280 लोगों की मौत हुई, 342 लोग घायल हुए और 37 अभी भी लापता हैं। इस दौरान 135 लोग सड़क हादसों में मारे गए। भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने के कारण अब तक 3,176 कच्चे-पक्के घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। 2,527 गोशालाएं और 1,803 पालतू पशु भी प्रभावित हुए हैं। कुल नुकसान का आंकड़ा 2,28,126.72 लाख रुपये पहुंच गया है।