अब भी पुलिस निरंकुश क्यूं ?


लखनऊ के चिनहट पुलिस थाना की पुलिस जैनाबाद निवासी बैल्ट का व्यवसाय करने वाले मोहित कुमार को उठा कर ले गई। गोंडा निवासी आदेश मोहित के कारखाने में बनी बेल्टों को सप्लाई करता था। विनोद व मोहित में भुगतान को लेकर हाथापाई हो गई तो आदेश ने शुक्रवार की रात्रि साढ़े नौ बजे चिनहट पुलिस को बुला लिया। पुलिस मोहित को उठा कर थाना ले आई और आदेश से सांठगांठ कर मोहित को हवालात में पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। अस्पताल के डाक्टरों ने मोहित को मृत घोषित कर दिया। मृतक के भाई ऋषि पांडे व जैनाबाद के लोगों का कहना है कि आदेश ने थाना पुलिस के अधिकारी की किसी प्रभावशाली व्यक्ति से फोन पर बात कराई थी। इसके बाद मोहित को पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। हत्या के विरोध में लोहिया संस्थान के बाहर परिजनों ने प्रदर्शन किया।

हो सकता है कि पाठकगण जब तक इन पंक्तियों को पढ़ें, तब तक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और शासन सत्र चलाने वाले भद्रजन अपनी जिम्मेदारी टालने के लिए चिनहट थाना के कुछ पुलिस अधिकारियों को फिलहाल निलंबित कर दें। बाद में सही मौके से इनकी बहाली भी हो जाएगी, क्यूंकि दशकों से ऐसा ही होता आ रहा है।

यह मुख्यमंत्री जी को ही सोचना और करना है कि उनकी पुलिस ब्रिटिशकालीन दमन का रवैया क्यूं छोड़ नहीं पा रही है?

गोविन्द वर्मा

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