बिहार में फिर से पुल हादसा, सीवान में 35 साल पुराना पुल भराभरा कर गिरा

बिहार में फिर से पुल हादसा हुआ है। 15 दिन के अंदर पांचवा पुल भरभरा कर गिर गया। सीवान में एक और पुल धाराशायी हो गया। महाराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा गांव और देवरिया गांव के बीच गंडक नदी पर बना 35 साल पुराना पुल का का एक पाया धंसने लगा। देखते ही देखते पुल गंडक नदी में समा गया। हादसे के बाद कई गांव के बीच आवागमन बाधित हो गया है। इलाके में हड़कंप मच गया। लोग पुल के निर्माण कार्य पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है यह पुल 35 साल पुरानी थी। हजारों लोगों के आने-जाने का मात्र एक यही साधन था। जो अब पूरी तरह से टूट गया है। ग़नीमत रही कि इस हादसे में जानमाल की कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

इससे पहले 22 जून को गिरा था पुल
इस हादसे के पहले 22 जून को महाराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर पुल अचानक गिर गया था। हादसे के बाद दो गांव के बीच आवागमन बाधित हो गया है। इलाके में हड़कंप मच गया। लोग पुल के निर्माण कार्य पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि 30 साल पहले बिहार सरकार ने इस पुल का निर्माण करवायाा। कुछ दिन पहले ही विभाग नहर की सफाई करवाई गई थी। साथ ही नहर की मिट्टी काटकर नहर के बांध पर फेंक दी गई थी। 

28 जून को मधुबनी में हुआ था हादसा
वहीं इससे पहले मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के भेजा कोशी बांध चौक से महपतिया मुख्य सड़क में ललवारही निकट का है। ग्रामीणों का कहना है कि गार्डर के लिए शटरिंग का काम चल रहा था। तभी भूतही बालन नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया जिस वजह से पानी के तेज बहाव में गार्डर बह गया।

23 जून को पूर्वी चंपारण में हुआ था हादसा
23 जून को पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन प्रखंड में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा निर्माणाधीन पुल भरभरा कर गिर गया। अब इसका वीडियो वायरल हो रहा है। लोग बिहार सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि घोड़ासहन प्रखंड अमावा से चैनपुर स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर बन रहे पुल की ढलाई का काम कई दिनों से चल रहा था। शनिवार को पूल के एक हिस्से की ढलाई भी हुई थी। अचानक रात में करीब 40 फीट लंबा हिस्सा गिर गया। 

18 जून को बकरा नदी पर बना पुल गिरा था
बता दें कि 18 जून को अररिया जिले सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही पुल ध्वस्त हो गया था। 182 मीटर का पुल कुल तीन हिस्सों में बना था। दो पाए के साथ दो हिस्सा नदी में समा गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत बने इस पुल की लागत 7.79 करोड़ रुपये थी। 182 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था। शुरुआती दौर में यह 7 करोड़ 80 लाख की लागत का था, लेकिन बाद में नदी की धारा बदलने और एप्रोच सड़क को लेकर कुल 12 करोड़ की लागत का हो गया था। 

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