वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक की

राज्य में बढ़ते कोरोना मामलों के संकट के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक और समीक्षा बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालन तथा शत-प्रतिशत टीकाकरण पर बल दिया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बैठक में कई अन्य अहम फैसले भी लिए। कृषि कानून से जुड़े मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने कृषि विपणन तंत्र को मजबूत कर किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड के गठन को भी मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री का “फोकस्ड सैम्पलिंग” पर फोकस
बैठक में बताया गया कि विगत कुछ सप्ताह से पॉजिटिविटी दर लगातार बढ़ रही है। मात्र एक सप्ताह में यह दर 7.61 प्रतिशत से बढ़कर 15.52 प्रतिशत तक अर्थात् दोगुनी हो चुकी है। संक्रमण की इस गति को रोकने के लिए जरूरी है कि आमजन के द्वारा कोविड प्रोटोकॉल की निरंतर पालन की जाए। साथ ही संक्रमण को रोकने के लिए फोकस्ड सैम्पलिंग की जाए। जिन लोगों में सर्दी, खांसी, जुकाम के लक्षण हैं, उनकी प्राथमिकता से जांच की जाए।

बच्चों के लिए जारी की गाइडलाइन
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वायरस से छोटी आयु के बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। देश की भावी पीढ़ी का जीवन सुरक्षित करना बेहद जरूरी है। दुनिया के कई देशों में 2 साल की आयु तक के छोटे बच्चों को वैक्सीन लग रही है, लेकिन भारत में फिलहाल 15 से 18 साल तक के किशोर वर्ग का वैक्सीनेशन हो रहा है। चूंकि हमारे देश के बच्चों में पोषण से संबंधित समस्याएं पहले से ही हैं। ऐसे में 12 साल से अधिक आयु के बच्चों का वैक्सीनेशन जल्द शुरू होना चाहिए। केंद्र सरकार इस संबंध में जल्द निर्णय ले।

हर वर्ग को मिलना चाहिए बूस्टर डोज
बैठक में कहा गया कि केंद्र सरकार ने प्रिकॉशन डोज 60 वर्ष से अधिक के को-मोर्बिड व्यक्तियों के लिए अनुमति दी है, जबकि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार को-मोर्बिड की स्थिति हर आयुवर्ग में हो सकती है। इसे देखते हुए बूस्टर डोज हर वर्ग के लिए अनुमति दी जानी चाहिए। साथ ही प्रिकॉशन डोज के लिए 9 माह के अंतराल को कम कर इसे 3 से 6 माह किया जाना आवश्यक है। 

तीसरी लहर के लिए तैयारी पूरी  
चिकित्सा मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर से मुकाबले के लिए पूरी तैयारी है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के 94.4 प्रतिशत लोगों को पहली तथा 78 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लगा दी गई है। साथ ही 56.5 प्रतिशत किशोर-किशोरियों को पहली डोज लगाई जा चुकी है। इन सभी में राजस्थान का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। दिसंबर माह में 1 करोड़ 31 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई गई थी। जनवरी माह में भी इसी भावना के साथ वैक्सीनेशन किया जा रहा है। 

कृषि कानूनों पर किए गए कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय 
कैबिनेट ने राज्य में कृषि विपणन तंत्र को मजबूत कर किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है। यह बोर्ड किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस नीति बनाने एवं इसके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में सुझाव देगा। साथ ही प्रदेश के अधिकाधिक किसानों को एग्रो-प्रोसेसिंग एवं मूल्य संवर्धन से जोड़ने के लिए रूपरेखा तैयार करेगा। 

कृषि उत्पादों के अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने की ओर कदम 
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, उल्लेखनीय है कि राज्य में कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, व्यवसाय एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात नीति-2019 लागू की थी। इस नीति के पश्चात राज्य में उत्पादित कृषि जिन्सों जैसे- जीरा, धनिया, लहसुन, ईसबगोल, अनार, खजूर, प्याज आदि के निर्यात को बढ़ावा देने तथा इनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान सुनिश्चित करने की दिशा में इस बोर्ड का गठन राज्य सरकार का एक और बड़ा कदम होगा।

शैक्षणिक योग्यता में संशोधन का निर्णय
मंत्रिमण्डल ने पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के संग्रहाध्यक्ष (क्यूरेटर) के पद की शैक्षणिक योग्यता में संशोधन का निर्णय किया है। इस निर्णय से इतिहास के विद्यार्थियों के साथ-साथ म्यूजियोलॉजी के अभ्यर्थियों को भी इस पद की प्रतियोगी परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा। इससे संग्रहालयों के प्रबंधन के कार्य को नवीन तकनीक और वैज्ञानिक पद्धति से संपादित किया जा सकेगा। 

भू-जल सेवा नियम-1969 में संशोधन को मंजूरी
कैबिनेट ने भू-जल विभाग में कनिष्ठ भू-भौतिकविद् के पद 75 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 25 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के स्थान पर 50 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के लिए राजस्थान भू-जल सेवा नियम-1969 में संशोधन को मंजूरी दी है। साथ ही, पदोन्नति के लिए न्यूनतम अनुभव दो वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष करने की भी स्वीकृति दी है। इससे विभाग में पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। 

सहकारिता विभाग के संविदा फार्मासिस्टों की भर्ती में मिलेगा बोनस अंकों का लाभ
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 (यथा संशोधित) के नियम 19 में संशोधन को स्वीकृति दी है। इससे सहकारिता विभाग में संविदा पर कार्यरत फार्मासिस्टों को भर्ती में बोनस अंकों का लाभ मिल सकेगा।

उच्च शिक्षा के लिए निजी भागीदारी को प्रोत्साहन
मंत्रिमण्डल ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक-2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। कैबिनेट के अनुमोदन के बाद अब यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा और विधेयक के पारित होने से इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।

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