नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सीएम दफ्तर में तैनात किए गए अधिकारी को लेकर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सीएम साहब का काम भी अजब है। उन्होंने अपने दफ्तर की कमान ऐसे व्यक्ति को सौंप दी, जिनके कारनामों की लिस्ट काफी लंबी है। तीन साल तक निलंबित रहे इस महानुभाव के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा था। जो कथित रूप से हनी-मनी से ओत प्रोत हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी आखिर आप प्रदेश की जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं! अब देखना होगा दिल्ली एनडीए सरकार इस पर क्या करेगी…नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने आगे लिखा कि अब देखना होगा कि दिल्ली में NDA की सरकार में बैठे इनके आका, जो भ्रष्टाचार की इस बन्दर बांट में वे भी बराबर के हिस्सेदार रहेंगे या फिर हमारे भोले-भाले प्यारे मोहन जी के जन-विरोधी क़दमों को पुनर्विचार की हिदायत देते हुए उन्हें सद्बुद्धि से जन कल्याणकारी निर्णय लेने हेतु निर्देशित करेंगे। क्या एमपी का शासन और प्रशासन सब भगवान भरोसे ही चलेगा?
विधानसभा सत्र की लाइव प्रसारण की मांग
इधर, मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि एक जुलाई से शुरू हो रहे बजट सत्र की पूरी कार्रवाई जनसंपर्क और मीडिया चैनलों के जरिए लाइव प्रसारित की जाए। यदि विपक्षी दल के विधायकों का प्रसारण नहीं होता है तो मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के बजट पर भाषण के लाइव प्रसारण पर भी रोक लगाई जाए।
जनता अपने नेता को देखना और सुनना चाहती है
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने लिखा कि आपसे विधानसभा की संपूर्ण कार्यवाही का लाइव प्रसारण किए जाने के संबंध में अनुरोध किया गया था। उक्त संबंध में मेरा आपसे पुनः आग्रह है कि सदन की संपूर्ण कार्यवाही को लाइव प्रसारण करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का कष्ट करें। सदन के सभी सदस्यों को उनके क्षेत्र की जनता सुनना और देखना चाहती है।
अतः अनुरोध है कि सदन की संपूर्ण कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाए। अन्यथा किसी भी तरह के लाइव प्रसारण पर पूर्णता प्रतिबंध लगाया जाए। यहां तक की बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री के भाषण का भी लाइव प्रसारण पूर्णतः वर्जित हो। सदन में किसी भी तरह के कैमरे अथवा रिकार्डिंग को ले जाना प्रतिबंधित किया जाए।