3 साल के कुत्ते का कराया DNA टेस्ट, जानिए किस वजह से पुलिस को लेना पड़ा ये फैसला

कुत्ता तो अपने मालिक को पहचान लेता है, लेकिन जब वही चकरा जाए तो पुलिस और कोर्ट-कचहरी की नौबत आ जाती है. मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में ऐसा ही वाकया सामने आया है, जहां लेब्रोडोर कुत्ते के असली मालिक की पहचान को लेकर दो परिवारों में छिड़ी जंग सुर्खियों में है. मामला कानूनी चौखट तक पहुंच गया तो पुलिस भी हैरान रह गई. लेकिन काफी दिनों तक माथापच्ची के बावजूद वह असली मालिक नहीं खोज पाई. लिहाजा पुलिस ने असली मालिक की पहचान के लिए कुत्ते का DNA टेस्ट कराने का निर्णय किया है.

दरअसल 3 साल के लेब्राडोर को शादाब खान अपना कोको बता रहे हैं तो कृतिक शिवहरे का दावा है कि वह उनका कुत्ता टाइगर है. शादाब खान का कहना है कि उनका कोको लगभग 3 महीने पहले गुम हो गया था, जिसकी सूचना उन्होंने अगस्त में देहात थाने में दर्ज कराई थी. 18 नवंबर को मालाखेड़ी में ही कुत्ते के होने की सूचना मिलने पर शादाब कृतिक शिवहरे के घर पहुंच गए. दोनों में बहस हुई और पुलिस को बुलाना पड़ा.

शादाब ने अगले दिन कुछ तस्वीरों और दस्तावेज के साथ पुलिस में शिकायत की. कृतिक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता हैं और वह भी पुलिस स्टेशन पहुंचे और अपना दावा पेश किया. दोनों ओर के दावों के बाद पुलिस जब किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी तो उसका डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया गया और ब्लड सैंपल लिए गए. होशंगाबाद देहात थाने के इंचार्ज हेमंत श्रीवास्ताव का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद उसे संबंधित मालिक के पास उसे पहुंचाया जाएगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here